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    90 दिनों में 25 लाख खर्च, भेड़िया अभी तक नहीं पकड़ा गया; बहराइच में वन विभाग के सभी दावे खोखले

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 04:34 PM (IST)

    बहराइच के कैसरगंज इलाके में भेड़ियों के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। तीन महीने में नौ बच्चों समेत 11 लोगों की जान जा चुकी है। सीएम के आदेश के बाद ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बहराइच। कैसरगंज इलाके में भेड़ियों के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। तीन माह में भेड़ियों के हमलों में नौ बच्चों समेत 11 लोगों की जान जा चुकी है। सीएम के आदेश के बावजूद भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

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    जमीन और आसमान से भेड़ियों की निगरानी की जा रही है, लेकिन वह चंगुल में नहीं आ रहे हैं, भेड़ियों पकड़ने के अभियान में 25 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। 40 मजरों में 32 टीमें लगातार सर्च आपरेशन चला रही हैं। ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है, लेकिन लंबी घास, रेत के अलावा अब कोहरा अभियान में बाधक बन रहा है।

    कैसरगंज रेंज में भेड़िया का पहला हमला बीते नौ सितंबर को हुआ था। धीरे-धीरे हमले बढ़ते गए। प्रकरण को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेकर वन विभाग को भेड़ियों को मार गिराने का आदेश दिया।

    इस आदेश के बाद वन विभाग ने चार भेड़ियों को मार गिराया, इसके बावजूद हमले जारी हैं। स्थिति यह है कि तीन माह के अंदर भेडियों ने 11 लोगों को अपना शिकार बनाया और 32 लोग जख्मी हुए हैं, लेकिन हमले रोकने में वन विभाग की टीम पूरी तरह नाकाम रही है।

    शनिवार की भोर कैसरगंज के जरूवा निवासी रामकुमार की एक वर्षीय पुत्री आरवी को भेड़िया उठा ले गया। इससे पहले सात दिसंबर को भी चार माह के सुभाष को उठा ले गया था, जिसका कपड़ा ही सिर्फ बरामद हुआ था। घटना के चार दिन बाद भी बच्चे का पता नहीं चल पाया।

    डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि भेड़ियों को पकड़ने के अभियान में 32 टीमें 16-16 घंटे लगातार 30 किलोमीटर के दायरे में अभियान चला रही हैं। वन विभाग के 139 लोग क्षेत्र का चप्पा-चप्पा खंगालने में लगे हुए हैं। वन संरक्षक देवीपाटन मंडल डा. सिंभारन स्वयं मौके पर मौजूद रहकर हर कार्रवाई से अवगत होते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं।

    भेड़ियों के हमलों में हुईं मौतों पर एक नजर

    • 0 सितंबर : मंझारा तौकली के परागपुर निवासी चार वर्षीय ज्योति की मौत।
    • 11 सितरंबर : भौरी के बहोरवा निवासी चार माह की संध्या की मौत।
    • 20 सितंबर : मंझारा तौकली के गंदूझाला निवासी तीन वर्षीय अनिकेत को भेड़िया उठा ले गया।
    • 24 सितंबर : मंझारा तौकली निवासी दो वर्षीय सोनी की मौत।
    • 30 सितंबर : प्यारेपुरवा गांव निवासी 70 वर्षीय खेदन व उनकी पत्नी 65 वर्षीय मनकी।
    • दो नवंबर : कंदौली गांव निवासी डेढ़ वर्षीय शानवी।
    • 13 नवंबर : लोधनपुरवा गांव निवासी तीन वर्षीय जानह्वी।
    • 29 नवंबर : मल्लाहनपुरवा गांन निवासी पांच वर्षीय स्टार।
    • सात दिसंबर : मल्लाहनपुरवा गांव निवासी चार माह सुभाष।
    • 13 दिसंबर : जरूवा गांव निवासी एक वर्षीय आरवी।