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MSP पर धान बेचने को तैयार नहीं यूपी के किसान, पहले दिन ही छाया सन्नाटा; आखिर क्या है मामला?

बागपत के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पर धान बेचने को तैयार नहीं हैं । वे खुले बाजार में अधिक कीमत पा रहे हैं । सरकारी क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है । पिछले पांच साल में केवल 50 कुंतल धान की खरीद हुई है। किसान हरियाणा और दिल्ली की नरेला मंडी में धान बेच रहे हैं ।

By Jaheer Hasan Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 01 Oct 2024 07:54 PM (IST)
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MSP पर धान बेचने को तैयार नहीं यूपी के किसान - प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, बागपत। किसान नेता व विपक्ष जिस न्यूनतम समर्थन मूल्य को मुद्दा बनाकर हरियाणा के चुनाव में हल्ला मचा रहा उस एमएसपी पर बागपत के किसान धान बेचने को कतई तैयार नहीं। धान कटाई रफ्तार पर है लेकिन बागपत में सरकारी क्रय केंद्रों पर पहले दिन ही सन्नाटा छाया रहा। बाजार दाम ज्यादा मिलने से पांच साल में बागपत में सरकारी क्रय केंद्रों पर केवल 50 कुंतल धान खरीद हुई।

सरकार ने अबकी बार प्रति कुंतल 2300 रुपये कामन तथा 2320 रुपये ग्रेड ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जो पिछले साल से क्रमश: 80 तथा 100 रुपये ज्यादा है। मंगलवार से बागपत, बड़ौत और खेकड़ा में क्रय केंद्र खुल गए हैं। क्रय केंद्रों पर धान बेचने को किसानों को www.fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

अब तक किसी ने न पंजीकरण कराया और न पहले दिन क्रय केंद्रों पर कोई धान लेकर आया। बागपत शहर में स्थित क्रय केंद्र के नाम पर केवल बैनर लगा दिखा और सन्नाटा छाया था। जबकि अगेती धान की कटाई तेजी पर है। दरअसल, बागपत में पीबी-1509 व पीबी-1692 या अन्य बासमती प्रजाति का धान पैदा किया जाता है। इस धान का बाजार दाम 700 से 1500 रुपये प्रति कुंतल तक ज्यादा है।

तब बागपत के किसान उमदा किस्म का धान सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचकर घाटा क्यों उठाएंगे। बागपत के किसान हरियाणा तथा दिल्ली की नरेला मंडी में धान बेचते हैं। बता दें कि बागपत में न कोई बड़ी मंडी है और न चावल मिल इसलिए किसान अपना धान हरियाणा तथा नरेला लेकर जाते हैं। अब पीबी-1509 तथा पीबी-1692 प्रजाति का धान हरियाणा की मंडियों में बिक रहा है जिसका प्रति कुंतल दाम 2900 से 3400 रुपये तक है। हालांकि गत वर्ष के मुकाबले दाम 500 रुपये कम है।

पांच साल में 50 कुंतल धान खरीद

पांच साल में सरकारी क्रय केंद्रों पर तीन साल पहले दो बार में मात्र 50 कुंतल धान ही किसानों ने बेचा है।

उत्पादन ठीक, दाम कम

सरूरपुरकलां के किसान सुभाष नैन ने कहा कि धान उत्पादन ठीक मिल रहा है। प्रति हेक्टेयर 50 से 55 कुंतल धान उत्पादन मिल रहा है लेकिन गत वर्ष से मंडियों में दाम कम मिल रहा है। गौना गांव निवासी किसान ओमदत्त कहते हैं कि हम अच्छी प्रजाति का धान पैदा करते हैं लेकिन जिले में इसकी बिक्री करने को न मंडी है और न चावल मिल इसलिए हरियाणा में बेचना पड़ता है।

कई बार हरियाणा में उत्तर प्रदेश के धान पर रोक लगने से दिक्कत आती है। बिचौलिया भी किसानों से गांव में ही या खेतों में सस्ते में धान खरीदकर हरियाणा की मंडियों में बेचकर लाखों के वारे-न्यारे करते हैं। हमारी मांग है कि सरकार अच्छी प्रजाति के धान की खरीद की व्यवस्था करे।

जिले में तहसील मुख्यालयों पर धान खरीद को तीन क्रय केंद्र खोल दिए गए लेकिन पहले दिन कोई भी किसान धान बेचने नहीं आया। एक भी किसान ने पंजीकरण नहीं कराया है। बागपत में अच्छी प्रजाति का धान पैदा होता है जिसे किसान खुले बाजार में बेचते हैं। पांच साल में एमएसपी पर एक बार 28 कुंतल तथा दूसरी बार 32 कुंतल धान खरीद हुई थी।  -अरुण कुमार, जिला विपणन अधिकारी 

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