लावारिस पड़े हुए थे एक करोड़ रुपये... लेने आ गए 200 दावेदार, अब सामने है यह चुनौती
एक करोड़ रुपये लावारिस मिलने के बाद 200 लोग इसे अपना बताने आ गए हैं। इससे प्रशासन के सामने असली मालिक को पहचानने की चुनौती खड़ी हो गई है। प्रत्येक दावेदार की जांच करना मुश्किल है, लेकिन प्रशासन सही व्यक्ति को धन सौंपने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि कोई कानूनी समस्या न हो।

एक करोड़ रुपये लावारिस मिलने के बाद 200 लोग इसे अपना बताने आ गए हैं। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, बागपत। एक दशक से जनपद के बैंकों में 50 करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं। शेयर बाजार तथा म्युचुअल फंड में निवेश कर लोग भूल गए थे। अब बागपत में 200 लोगों ने एक करोड़ रुपये पर अपना हक जताते हुए बैंकों में आवेदन किया है, मगर चुनौती यह है कि इन्हें रुपये तब मिलेंगे जब स्वयं को असली वारिस साबित होने का सबूत पेश करेंगे।
दस साल तक निकासी नहीं करने से बैंक खातों में पड़ी राशि अनक्लेम्ड डिपाजिट्स घोषित होने से भारतीय रिजर्व बैंक के पास चली गई थी। अब सरकार ने बैंकों में रखी बिना दावे वाली राशि व गैर दावे वाले शेयर तथा म्युचुअल फंड में किए निवेश का निस्तारण कराने को ‘आपकी पूंजी-आपका अधिकार’ अभियान शुरू किया है।
बागपत में बैंकों ने वारिसों की खोजबीन कर राशि लौटाने का अभियान शुरू कर दिया है। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक अभय कुमार ने बताया कि विभिन्न बैंक शाखाओं में 200 लोगों ने लावारिस पड़े एक करोड़ रुपये के लिए खुद को असली वारिस होने का दावा किया है। बैंक अधिकारी उनके दावों की जांच पड़ताल कर तय करेंगे कि वे असली वारिस हैं या नहीं। वारिस साबित होने पर राशि लौटाई जाएगी। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक ने कहा कि जल्द विकास भवन में लावारिस रुपये लौटाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कैंप आयोजित कराएंगे।
अनक्लेम्ड डिपाजिट्स का ब्योरा
बैंक करोड़ रुपये
केनरा बैंक 18.00
पंजाब नेशनल बैंक 8.50
भारतीय स्टेट बैंक 7.50
यूनियन बैंक 1.10
पंजाब एंड सिंध बैंक 0.90
सेंट्रल बैंक 0.70
बैंक आफ बड़ौदा 0.40
बैंक आफ इंडिया 0.21

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