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    पश्चिम यूपी की इस सीट पर हारकर भी चुनौती खड़ी कर गई सपा, किया ऐसा परफॉर्मेंस- हिला दीं 'किले की दीवारें'

    Updated: Thu, 06 Jun 2024 01:00 PM (IST)

    लोकसभा चुनाव में बागपत से भले ही सपा को जीत न मिली हो लेकिन वह हारकर भी रालोद के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर गई। 15 साल में सपा का मत प्रतिशत पांच गुणा बढ़ा है तो वहीं भाजपा का सहयोग मिलने के बावजूद रालोद मत प्रतिशत बढ़ाने में करिश्मा नहीं कर पाया क्योंकि उसका केवल 4.29 प्रतिशत मत बढ़ा है।

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    पश्चिम यूपी की इस सीट पर हारकर भी चुनौती खड़ी कर गई सपा

    जहीर हसन, बागपत। लोकसभा चुनाव में बागपत से भले ही सपा को जीत न मिली हो लेकिन वह हारकर भी रालोद के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर गई। 15 साल में सपा का मत प्रतिशत पांच गुणा बढ़ा है तो वहीं भाजपा का सहयोग मिलने के बावजूद रालोद मत प्रतिशत बढ़ाने में करिश्मा नहीं कर पाया क्योंकि उसका केवल 4.29 प्रतिशत मत बढ़ा है। इसी तरह बागपत को जिला बनाने वाली बसपा का सियासी वजूद भी सिमटता जा रहा है।

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    मतगणना परिणाम से साफ हो गया कि भाजपा का सहयोग मिलने से ही जयन्त चौधरी के रालोद की राह आसान हुई। डा. राजकुमार सांगवान ने शानदार जीत दर्ज कराई और रालाेद के मत प्रतिशत में गत चुनाव के मुकाबले 4.29 प्रतशित वढ़ोतरी हुई। अब रालोद को 52.36 प्रतिशत वोट मिले। वर्ष 2019 में रालोद के जयन्त चौधरी को 48.07 प्रतिशत वोट मिले थे।

    हालांकि रालोद 20 साल पुराना प्रदर्शन को दोहराने से पीछे रह गई। 2004 में रालोद को 53.76 प्रतिशत वोट मिले थे। यदि मत प्रतिशत पर नजर डालें तो सपा चुनाव हारने के बावजूद रालोद के लिए चुनौती खड़ी कर गई। सपा का मत प्रतिशत हर चुनाव में बढ़ा है। सपा का मत प्रतिशत वर्ष 2009 में 7.44 प्रतिशत, वर्ष 2014 में 13.82 प्रतिशत और अब 2024 में बढ़कर 35.29 प्रतिशत हो गया है। जिस तरह बागपत में सपा का मत प्रतिशत बढ़ रहा वह रालोद के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

    बसपा को करारा झटका

    साल 1997 में बागपत को जिला बनाने वाली मायावती की बसपा को बागपत में झटके पर झटका लग रहा है। यूं 2012 में बसपा ने बागपत और बड़ौत विधानसभा क्षेत्र में विधायक के चुनाव में जीत दर्ज की थी। वर्ष 2009 के चुनाव में जिस मजबूती से बसपा से पूर्व विधायक गुड्डू पंडित के भाई मुकेश शर्मा ने लोकसभा चुनाव लड़कर स्व. चौ. अजित सिंह को चुनौती दी थी।

    तब रालोद को 38.88 प्रतिशत व बसपा को 28.61 प्रतिशत मत मिले थे। साल 2014 में बसपा को 14.11 प्रतिशत और अब घटकर 9.88 प्रतिशत रह गया है। बसपा के सिमटते वजूद के कारण अनुसूचित जाति के मतदाताओं में लोकसभा चुनाव में पूरी तरह बिखराव देखा गया, क्योंकि तीनों ही प्रमुख दलों में इस वर्ग की वोट गई है।

    जानिए वर्तमान मत प्रतिशत

    • 52.36 प्रतिशत मत रालोद को मिले
    • 35.29 प्रतिशत मत सपा को मिले हैं
    • 9.88 प्रतिशत मत बसपा को मिले हैं
    • 0.55 प्रतिशत मत नोटा के हिस्से में