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    RLD के BJP के साथ जाने की खबरों के आने से यूपी में उठा सियासी तूफान, जयन्त की मान-मनौवल में जुटा I.N.D.I गठबंधन

    12 फरवरी को छपरौली में प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के स्थगित होते ही जयन्त के भाजपा के साथ जाने के कयास लगने शुरू हो गए थे। इन कयासों को जयन्त की चुप्पी से और बल मिल गया। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने रालोद को बिना शर्त पांच सीटें देने की पेशकश की है। भाजपा का एक खेमा रालोद को अपने पाले में लाने के लिए पुरजोर तरीके से लगा है।

    By Ashu Singh Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 07 Feb 2024 08:58 PM (IST)
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    RLD के BJP के साथ जाने की खबरों के आने से यूपी में उठा सियासी तूफान

    आशु सिंह, बागपत। रालोद के भाजपा के साथ जाने की खबरों ने आइएनडीआइए के कान खड़े कर दिए हैं। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयन्त चौधरी की मान-मनौवल शुरू हो गई है। कल तक रालोद के सामने शर्तें रखने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव भी नरम पड़ते दिख रहे हैं।

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    उधर, कांग्रेस रणनीतिकारों के भी दिल्ली में जयन्त से संपर्क करने की बात सामने आ रही है। इस पूरे घटनाचक्र के दौरान अभी तक रालोद की ओर से कोई बयान नहीं आया है। जयन्त फिलहाल चुप साधे हैं और हर कदम सोच-समझकर चलते दिख रहे हैं।

    12 फरवरी को छपरौली में अजित सिंह की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के स्थगित होते ही जयन्त के भाजपा के साथ जाने के कयास लगने शुरू हो गए थे। इन कयासों को जयन्त की चुप्पी से और बल मिल गया। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने रालोद को बिना शर्त पांच सीटें देने की पेशकश की है।

    भाजपा का एक खेमा रालोद को अपने पाले में लाने के लिए पुरजोर तरीके से लगा है। वहीं, जयन्त पर भाजपा के डोरे डालने की खबरों से आइएनडीआइए गठबंधन चौकस हो गया। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इन चर्चाओं को लेकर पहली बार प्रतिक्रिया दी है।

    अखिलेश यादव का कहना है कि जयन्त चौधरी एक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और वे राजनीति को अच्छी तरह समझते हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे किसानों की लड़ाई को कमजोर नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, ''मैं जयन्त को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। वे धर्मनिरपेक्ष लोग हैं। भाजपा केवल मीडिया का इस्तेमाल कर गुमराह कर रही है। वे (आरएलडी) इंडी गठबंधन में बने रहेंगे और भाजपा को हराने का काम करेंगे''।

    सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, ''जिस तरह भाजपा सरकार किसानों के विरुद्ध काम कर रही है, बजट में किसी भी प्रकार की एमएसपी का जिक्र नहीं है, भाजपा के द्वारा हमारी पहलवान बहनों का अपमान हुआ है, मैं नहीं मानती कि रालोद के नेता जयन्त चौधरी इस तरह का कोई कदम उठाएंगे, जिससे किसानों को नुकसान पहुंचे''।

    इससे पहले सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने कहा था कि रालोद के भाजपा के साथ जाने की अफवाह चल रही है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। रालोद हमारे साथ है और आगे चुनाव में भी हमारे साथ रहेगी। हम लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे और भाजपा को हराएंगे।

    गुरुवार तक साफ हो सकती है तस्वीर

    सूत्रों के अनुसार गुरुवार तक रालोद की ओर से तस्वीर साफ हो सकती है। जयन्त चौधरी अपने निर्णय को सार्वजनिक कर सकते हैं। उधर, इससे पहले ही भाजपा नेताओं ने जयन्त के स्वागत की तैयारी कर ली है। एनडीए के महत्वपूर्ण घटक अपना दल की अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एनडीए में जयन्त चौधरी का स्वागत किया है। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि ''मैंने मीडिया रिपोर्ट पढ़ी है जिसमें कहा गया है कि आरएलडी एनडीए परिवार में शामिल होने जा रही है। मैं अपनी पार्टी की ओर से उनका स्वागत करती हूं''।

    भाजपा ने लगाया जोर

    भाजपा की ओर से भी जयन्त को एनडीए से जोड़ने की अंतिम कवायद तेज कर दी गई है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और एक केंद्रीय मंत्री को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूत्रों के अनुसार रालोद को चार लोकसभा के साथ एक राज्यसभा या एक विधान परिषद सीट का आफर दिया जा रहा है।