पनीर पसंद करने वालों जरा ध्यान से खाना! ये है सच्चाई...नौ में से आठ नमूने फेल
बागपत में मिलावटी पनीर का खुलासा हुआ है। खाद्य विभाग ने 11 नमूने लिए जिनमें से 8 फेल हुए। मिलावटखोरों पर 40 हजार का जुर्माना लगाया गया है और 14 के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है। यह मिलावटी पनीर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जिससे पेट की समस्याएं और अन्य गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। लोगों से अपील है कि वे खाद्य सामग्री की जांच परख कर ही खरीदें।
जागरण संवाददाता, बागपत। Paneer Adulteration: मिलावटखारों ने पनीर को भी बाजार में उतार दिया है। यह ही नहीं जगह-जगह पनीर की दुकानें भी खुल गई है, जहां इन पनीरों को धड़ल्ले से बेजा रहा है। दावा तो शुद्ध होने का किया जाता है, लेकिन वास्तव में यह जहर है।
इसके सेवन से शरीर को ताकत तो नहीं मिल रही, लेकिन उम्रभर के लिए बीमारी जरूर मिल रही है। स्वस्थ रहना हे तो बाहर के पनीर का सेवन को बंद करना ही सही है। क्योंकि मिलावटखोर चंद रुपयों की खातिर हमारी सेहत के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हट रहे है।
होते हैं कई खास पोषक तत्व
पनीर प्रोटिन का अच्छा स्रोत है, जिसमें कई खास पोषक तत्व होते हैं। डाक्टर और अन्य फिटनेटस एक्सपर्ट डाइट में पनीर का सेवन करने के लिए भी सलाह देते है। इसके लिए हमें यह चयन करना है कि पनीर बाहर का खाना ठीक है या घर में तैयार किया हुआ हमें रोगमुक्त रखेगा।
इस समय मार्केट में पनीर के हजारों ब्रांड और विक्रेता मिल जाएंगे, लेकिन शुद्धता की कसौटी पर ये पनीर फेल है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त खाद्य मानवेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में पनीर शुद्ध नहीं है। पनीर के 11 नमूने लिए गए थे जिनमें नौ की रिपोर्ट मिली है और नौ में से आठ नमूने फेल है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में पनीर की स्थिति कैसी है।
मिलावटखारों ने 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं 14 मिलावटखारों के खिलाफ वाद दायर किया गया। लोगों से अपील है कि खाद्य सामग्री की जांच परख के बाद ही खरीदारी करें और उसका सेवन करें। ऐसा लगे कि खाद्य सामग्री में मिलावट की जा रही है तो इसकी जानकारी विभाग को दें। कोई मिलावटी सामान बेच रहा है तो इससे भी हमें अवगत करा सकते हैं।
इस्तेमाल होने वाले घातक पदार्थ
- सिंथेटिक पनीर को वेजिटेबल आयल, स्टार्च, आर्टिफिशियल डाई, मिल्क सालिड और कुछ प्रकार के हानिकारक केमिकल से तैयार किया जाता है।
- यह देखने में बिल्कुल पनीर की तरह होता है, परंतु आपकी सेहत को कई रूपों में नुकसान पहुंचा सकता है।
- यह नकली पनीर होता है।
- नकली यानी आर्टिफिशियल तरीके से पनीर को बनाने के लिए उसमें खराब दूध, आटा, पामोलिन तेल, ग्लिसराल मोनोस्टियरेट पाउडर और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे केमिकल मिलाया जाता है।
नकली पनीर खाने से जोखिम
- सिंथेटिक और मिलावटी पनीर के सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कि डायरिया, उल्टी, अपच आदि का खतरा बढ़ जाता है।
- इसके अलावा यदि आप नियमित रूप से मिलावटी पनीर का सेवन कर रही हैं, तो इसका असर किडनी और लीवर स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।
- सिंथेटिक पनीर को बनाने में कुछ प्रकार के केमिकल्स और मिल्क पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है।
- इसके साथ ही यह बाडी में सूजन आ सकती है, जिसकी वजह से डायबिटीज, कैंसर, हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
ऐसे करें पहचान
- पनीर का एक टुकड़े को एक कप उबलते पानी में डाले। उसके बाद एक चम्मच अरहर दाल का पाउडर पनीर वाले पानी में डाल दें। 10 मिनट बाद पानी हल्का लाल रंग होता है तो यूरिया की मिलावट की गई है।
- एक छोटे बोल में उबले हुए पनीर के टुकड़े पर आयोडीन साल्यूशन डालें और कुछ देर रुकें। यदि आपके पनीर का रंग नीला हो जाता है, तो इसमें स्टार्च की मात्रा मिलाई गई है। वहीं यदि रंग पीला या नारंगी है, तो आपका पनीर शुद्ध एवं सुरक्षित है।
- शुद्ध पनीर को दबाने पर यह आसानी से टूटता है और बेहद मुलायम हो जाता है। मुंह में जाते ही घुल जाती है और दूध जैसा स्वाद देता है। सिंथेटिक और मिलावटी पनीर का रबर जैसा हो सकता है। जिन्हें खाने के लिए अधिक चबाने की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप इस तरह का पनीर खा रहे हैं, तो आपके पनीर में मिलावट है, इसे फौरन बंद कर दें।
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