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    दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में अधिग्रहित भूमि पर NHAI ने चलवाया बुलडोजर, कमरे तोड़कर कब्‍जे में ली जमीन

    Updated: Thu, 29 May 2025 08:39 AM (IST)

    दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में NHAI ने बड़ौत के बिजरौल में बुलडोजर चलाकर जमीन अपने कब्जे में ली। किसान यशपाल सिंह ने आरोप लगाया कि NHAI ने जबरदस्ती उनके कमरे गिरा दिए और मुआवजे के तौर पर 2 करोड़ की जगह सिर्फ 22 लाख रुपये दिए। किसान अब न्याय के लिए हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। पिछले महीने इसी मामले में दुल्हन भी धरने पर बैठी थी।

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    अधिग्रहण की गई जमीन पर कब्जा लेने के लिए रास्ते में आ रहे कमरे को तोड़ता एनएचएआई का बुलडोजर।- जागरण

    जागरण संवाददाता, बड़ौत। बिजरौल में जिस जमीन के लिए पिछले महीने शादी वाले दिन दुल्हन अपने स्वजन के साथ धरने पर बैठी थी, उस भूमि को बुधवार को एनएचएआई ने कब्जे में ले लिया। दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में अधिग्रहित भूमि पर एनएचएआई ने बुलडोजर चलवाकर दो कमरों को गिरा दिया। इस दौरान पुलिस बल मौजूद रहा। किसान का आरोप है कि एनएचएआई के अधिकारियों ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए उनकी भूमि पर बने कमरों को बुलडोजर से गिरा दिया और भूमि अधिग्रहण के दो करोड़ रुपये के स्थान पर 22 लाख रुपये उनके खाते में डाल दिए। वह न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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    बिजरौल गांव के रहने वाले किसान यशपाल सिंह ने बताया कि उनकी व उनके पिता बलवान की लगभग 913 मीटर जमीन दिल्ली देहरादून कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण की गई है। उनकी भूमि पर दो कमरे व अन्य निर्माण हो रखा है। एनएचएआई के अधिकारी उनकी भूमि का उचित मुआवजा नहीं दे रहे हैं।

    बुधवार को एनएचएआई के अधिकारी ठेकेदार व पुलिस बल को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। उनके पिता बलवान के अलावा महेंद्र सिंह, विनोद, प्रमोद आदि किसान भी पहुंच गए। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने बुलडोजर से उनकी भूमि पर बने कमरों को ढहा दिया। इस दौरान उन्होंने विरोध करते हुए निर्माण न गिराने का अनुरोध किया, लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक भी बात नहीं सुनी।

    पीड़ित किसान का आरोप है कि बुलडोजर से उनकी जमीन पर बने कमरों को ढहा दिया और बिना पैमाइश किए ही भूमि को अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने बताया कि मुआवजे के उनकी भूमि के दो करोड़ रुपये बैठते हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने बिना उनकी मर्जी के 22 लाख रुपये उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए। वह न्याय के लिए इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे।

    उधर, बड़ौत एसडीएम मनीष यादव ने बताया कि दिल्ली देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा एडीएम स्तर से तय होता है। उसी हिसाब से किसान को मुआवजा दिया गया है। किसान ने उन्हें बताया है कि वह इस मामले को लेकर कोर्ट गए हैं। कोर्ट जो मुआवजा तय करेगा वो किसान को दिया जाएगा।

    शादी से पहले धरने पर बैठी थी दुल्हन

    पिछले महीने पीड़ित किसान के परिवार की बेटी की शादी थी। फेरों से पहले दुल्हन इसी मामले को लेकर परिवार के साथ धरने पर बैठ गई थी। पुलिस के अधिकारियों ने समझा बुझाकर धरना समाप्त कराया था और न्याय का आश्वासन दिया था।