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    'मेरा विद्यालय मेरी पहचान' से शिक्षकों का बढ़ेगा मनोबल

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 17 Nov 2021 11:36 PM (IST)

    परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के ठहराव और अभिलेखीकरण के लिए शिक्षकों को अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

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    'मेरा विद्यालय मेरी पहचान' से शिक्षकों का बढ़ेगा मनोबल

    बागपत, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के ठहराव और अभिलेखीकरण के लिए शिक्षकों को प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए अवसर प्रदान किए जा रहे है। शासन से 'मेरा विद्यालय मेरी पहचान' कार्यक्रम का संचालन किया है। इस कार्यक्रम से अध्यापकों का मनोबल बढ़ेगा। उत्कृष्ट कार्य करने वाले अध्यापकों को पुरस्कृत किया जाएगा।

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    'मेरा विद्यालय मेरी पहचान' कार्यक्रम प्रधानाध्यापकों के लिए संचालित किया है। जिले में परिषदीय विद्यालयों को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले ऐसे प्रधानाध्यापकों 30 नवंबर तक आवेदन कर सकते है। विद्यालयों में नामांकन, ठहराव, संप्राप्ति, सामुदायिक सहयोग से आधारभूत सुविधाएं की व्यवस्था, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने आदि संबंधित अपना विवरण अध्यापक 500 शब्दों में चार फोटोग्राफ के साथ डायट में उपलब्ध कराएंगे। आवेदन के बाद सूचनाओं के आधार पर स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। एक प्राथमिक और एक उच्च प्राथमिक विद्यालय को चिन्हित करेंगे। चयनित प्रविष्टियों की राज्य स्तर पर स्क्रीनिग के उपरांत चयनित विद्यालयों एवं प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापकों को उत्कृष्टता प्रमाण पत्र दिया जाएगा। साथ ही इसका संकलन तैयार कराकर एससीईआरटी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। डायट प्राचार्य, बीएसए, बीईओ, एसआरजी, एआरपी आवदेन करने के लिए जागरूक करेंगे। ताकि प्रधानाध्यापक विद्यालयों की पहचान बन सके।

    डायट स्तर से होगा विद्यालयों का चयन

    --प्रधानाध्यापकों द्वारा दिए गए विवरण के आधार पर जिला श शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा एक प्राथमिक विद्यालय तथा एक उच्च प्राथमिक विद्यालय का चयन किया जाएगा। चयन हेतु विद्यालयों की स्क्रीनिग जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान स्तर पर एक तीन सदस्यीय समिति के माध्यम से कराई जाएगी। समिति में वाह्य विशेषज्ञों को सम्मिलित किया जाएगा।

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    यह रहेगा विद्यालयों के चयन का आधार

    --विद्यालयों की छात्र संख्या, औसत उपस्थिति

    --जिस कक्षा में छात्र अध्ययनरत है उस कक्षा में पूर्व की कक्षा में भाषा एवं गणित के अपेक्षित लर्निंग आउटकंस की समप्राप्ति।

    --विद्यालयों के प्रत्येक बच्चे को उसकी रूचि के अनुसार खेलकूद, सहगामी क्रियाओं में प्रतिभागिता।

    --समुदाय के सहयोग से विद्यालय में आधारभूत सुविधाओं जैसे स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, खेलकूद की सामग्री, फर्नीचर की उपलब्धता।

    --विद्यालय परिसर की साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण, शौचालय की क्रियाशीलता।

    --विद्यालय में पुस्तकालय की व्यवस्था एवं क्रियाशीलता।

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    --शासन के निर्देशानुसार कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। जिले में कई प्रधानाध्यापकों ने उत्कृष्ट कार्य किया है। उनसे आवेदन करने के लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।

    राघवेंद्र सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी।