फर्जी भुगतान, झूठी गवाही... शिकायत मिली तो ये ट्रिक अपनायी
बागपत में मनरेगा में बिना काम किए श्रमिकों को भुगतान का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता ने झूठी गवाही और फर्जी निस्तारण का आरोप लगाया है, जिसके बाद उपायुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं। मनरेगा की खराब प्रगति पर छह बीडीओ को नोटिस जारी किया गया है, और जिले की अधिकांश पंचायतों में काम ठप है।

बागपत में बिना काम किए श्रमिकों को मनरेगा से भुगतान पहुंचने का मामला प्रकाश में आया है। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, बागपत। बिना काम किए श्रमिकों को मनरेगा से भुगतान पहुंचने का मामला प्रकाश में आया है। गजब बात यह है कि शिकायत होने पर झूठी गवाही तथा कागजों में शिकायतकर्ता को संतुष्ट करार देकर शिकायत का निस्तारण कर दिया। मामले का पता चलने पर शिकायतकर्ता ने फिर शिकायत की, जिस पर उपायुक्त ने बीडीओ बड़ौत और एई ग्रामीण अभियंत्रण को जांच सौंपी है।
उपायुक्त ने बीडीओ तथा एई को पत्र भेजकर जांच अधिकारी नामित करने की जानकारी दी।
उन्होंने पत्र में कहा कि दादरी गांव के एक व्यक्ति ने आइजीआरएस पोर्टल पर बिना काम किए सात लोगों को मनरेगा से भुगतान करने की शिकायत की थी। पंचायत सचिव ने शिकायत का निस्तारण यह कहते हुए कर दिया कि श्रमिकों ने जितने दिन काम किया, उतने दिन का भुगतान भेजा है। शिकायत के निस्तारण से शिकायतकर्ता संतुष्ट है। मगर शिकायत के फर्जी निस्तारण की जानकारी होने पर शिकायतकर्ता ने डीएम से शिकायत की। डीएम के आदेश पर उपायुक्त ने बीडीओ तथा एई को जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। जांच के दौरान शिकायतकर्ता को मौके पर बुलाकर उनकी बातों को सुना जाए।
छह बीडीओ को नोटिस जारी
बागपत : मनरेगा धड़ाम हो गई है। उपायुक्त श्रम राहुल वर्मा ने छह बीडीओ को नोटिस देकर खराब प्रगति पर कार्रवाई की चेतावनी दी। बागपत, बड़ौत, पिलाना, खेकड़ा, बिनौली, छपरौली छपरौली ब्लाक के गांवों में अक्टूबर तक लक्ष्य 40 हजार मानव दिवस सृजन सापेक्ष 10 हजार मानव दिवस सृजित किए। उन्होंने लक्ष्य की शत प्रतिशत पूर्ति का निर्देश दिया। बताते चलें कि मंगलवार को जिले की 212 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का काम ठप रहा। केवल 32 गांवों में 132 श्रमिकों ने काम किया।

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