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    घर बैठे हैं मास्टर जी, फिर भी मिल रही फुल सैलरी; यूपी के इस टीचर का सच जान उड़ जाएंगे होश

    Updated: Wed, 23 Apr 2025 06:16 PM (IST)

    बागपत के बामनौली में सहायक अध्यापक राकेश कुमार गोस्वामी के विद्यालय में अनुपस्थित रहने पर भी वेतन लेने की शिकायत सीएम पोर्टल पर हुई। जांच में सही पाए जाने पर डीआईओएस ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। निरीक्षण में अनुपस्थित रहने और छात्रों द्वारा कक्षाओं में न आने की पुष्टि होने पर डीआईओएस ने 24 अप्रैल को कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।

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    घर बैठे वेतन पा रहे मास्टर जी, स्पष्टीकरण तलब - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    संवाद सूत्र, बिनौली (बागपत)। बामनौली के श्री जवाहर इंटर कालेज में कार्यरत एक सहायक अध्यापक के विद्यालय में पढ़ाने नहीं आने के बाद भी वेतन लेने की ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर की शिकायत की थी। इसकी जांच हुई, इसमें शिकायत सही मिलने पर डीआइओएस ने मामले को गंभीर मानते हुए अध्यापक से कार्यालय में आकर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

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    बामनौली गांव के महेंद्र सिंह व कई अन्य ग्रामीणों ने सीएम जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें श्री जवाहर इंटर कालेज में कार्यरत सहायक अध्यापक राकेश कुमार गोस्वामी पर विद्यालय से लगातार अनुपस्थित रहने, कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों को नहीं पढ़ाने तथा स्कूल प्रबंधन से साठगांठ कर बिना शिक्षण कार्य किए वेतन प्राप्त करने के आरोप लगाए थे।

    जब विद्यालय में जाकर किया औचक निरीक्षण...

    शिकायत पर डीएम अस्मिता लाल के निर्देश पर राजकीय कन्या इंटर कालेज बावली की प्रधानाचार्य कविता चौधरी को जांच सौंपी गई। 22 अप्रैल को कविता चौधरी ने विद्यालय में जाकर औचक निरीक्षण किया तो अध्यापक राकेश कुमार गोस्वामी अनुपस्थित मिले।

    कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों से जानकारी ली गई तो उन्होंने भी अध्यापक के लंबे समय से कक्षाओं में नहीं आने की जानकारी दी। इस तरह अध्यापक के लगातार विद्यालय से अनुपस्थित रहने की शिकायत सही मिलने पर डीआईओएस धर्मेंद्र कुमार सक्सेना ने स्पष्टीकरण तलब किया है।

    स्पष्टीकरण देने के निर्देश

    सहायक अध्यापक राकेश कुमार को 24 अप्रैल को उनके कार्यालय में उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि जिले में कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां कई रसूखदार शिक्षक साठगांठ के चलते नियमित पढ़ाने के लिए नहीं जा रहे हैं और शिकायतों के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।