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    जयन्त चौधरी बोले- किसान के पास जानकारी हो तो विदेशों तक में पहुंचा सकते हैं अपनी उपज

    By RAJIV KUMAREdited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 05:19 PM (IST)

    बागपत के किशनपुर बराल गांव में किसान सम्मान समारोह में केंद्रीय राज्यमंत्री जयन्त चौधरी ने किसानों को एफपीओ योजना से जुड़ने और उपज को विदेशों तक पहुंचा ...और पढ़ें

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    बागपत के किशनपुर बराल गांव में किसान सम्मान समारोह में मौजूद केंद्रीय राज्यमंत्री जयन्त चौधरी और अन्य नेता।

    जागरण संवाददाता, बड़ौत (बागपत)। किशनपुर बराल गांव में किसान सम्मान समारोह में पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री जयन्त चौधरी ने कहा कि बागपत में किसानों के पास कम भूमि है, लेकिन खेती में उनकी बड़ी भूमिका हैं।

    कहा कि किसानों के लिए एफपीओ योजना बनाई है, किसान उससे जुड़ने का कार्य करें। यदि किसानों को जानकारी होगी तो वे ज्यादा से ज्यादा अपनी उपज को विदेशों तक में पहुंचा सकते हैं।
    गुजरात एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि फसलों की लागत बढ़ती और उत्पादन घटता जा रहा है। पर्यावरण दूषित हो रहा है जिससे भूमिगत जल बर्बाद हो गया हैं। आज लोग बोतल में पानी पी रहे हैं।
    यूरिया का नाइट्रोजन जब आकाश में आक्सीजन के संपर्क में आता है तो वह स्वयं तीसरी गैस पैदा होती है जिसका नाम है नाइट्रस आक्साइड है जो नाइट्रस आक्साइड कार्बन डाइऑक्साइड से 312 गुना ज्यादा खतरनाक है।

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    उन्होंने कहा कि आज से 40 साल पहले कैंसर, हार्टअटैक, किडनी, घुटने आदि जानलेवा बीमारियों को कोई नहीं जानता था, लेकिन आज हमने सब कुछ जहरीला बना दिया। अपने हाथों में से खेतों में जो जहर डाल रहे हैं, उससे सांप तक नहीं बचता, आदमी कैसे बचेगा? प्राकृतिक खेती से ही उत्पादन बढ़ेगा।
    केंद्रीय राज्यमंत्री जयन्त चौधरी ने कहा कि इस बार बजट में कुटीर उद्योग के लिए 2000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। किसानों को सरकार की योजनाओं की जानकारी नहीं है। किसानों को योजनाओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी रखनी चाहिए। इसके लिए जागरूकता शिविर लगाए जाएं।
    उन्होंने कहा कि बागपत में किसानों के पास कम भूमि है, लेकिन खेती में उनकी बड़ी भूमिका हैं। किसानों के लिए एफपीओ योजना बनाई है किसान उससे जुड़ने का कार्य करें।
    यदि किसानों को जानकारी होगी तो वे ज्यादा से ज्यादा अपनी उपज को विदेशों तक में पहुंचा सकते हैं।
    दूसरे देशों की तुलना में यहां के किसान आगे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि आज एआई का हस्तक्षेप खेती किसानी में भी पड़ रहा है। किसानों के लिए निशुल्क 15 घंटे का एक कोर्स बनाया है जिसमे आईटी विभाग भी शामिल है।