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    बागपत के इंस्पेक्टर के भाई को कंबोडिया में बंधक बनाकर कराया अपराध, जल्द ही लाया जाएगा भारत

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 12:30 PM (IST)

    बागपत में साइबर अपराधियों ने सीआईएसएफ इंस्पेक्टर के चचेरे भाई विकास राणा को मर्चेंट नेवी में नौकरी का झांसा देकर कंबोडिया में बंधक बना लिया। उनसे ऑनलाइन ठगी करवाई गई और विरोध करने पर यातनाएं दी गईं। पीड़ित परिवार की शिकायत पर भारत सरकार ने कंबोडिया सरकार से संपर्क किया, जिसके बाद पुलिस ने विकास को छुड़ाया। उन्हें जल्द ही भारत वापस लाया जाएगा। पुलिस में शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई।

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    जागरण संवाददाता, बागपत। साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया तरीका अपनाया। सीआइएसएफ के इंस्पेक्टर अजित राणा के चचेरे भाई विकास राणा को मर्चेंट नेवी में नौकरी के बहाने कंबोडिया बुलाकर बंधक बना लिया। उनसे भारत के लोगों के पास आनलाइन ठगी के लिए मोबाइल से काल कराई।

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    आपत्ति करने पर यातनाएं दी तथा लाखों रुपये हड़प लिए। पीड़ित स्वजन की शिकायत मिलने पर भारत सरकार ने कंबोडिया सरकार से संपर्क साधा। नतीजा हुआ कि वहां की पुलिस ने युवक का सफल रेस्क्यू किया। अब उन्हें शीघ्र ही भारत वापस लाया जाएगा।

    बिनौली थाना क्षेत्र के ग्राम धनौरा सिल्वरनगर निवासी 37 वर्षीय विकास राणा खेती-बाड़ी करते हैं। उनका एक बेटा प्रिंस राणा कक्षा 12 व दूसरा बेटा देवांश राणा कक्षा पांच में पढ़ता है। उनके बड़े भाई तेजवीर राणा दिल्ली में डीटीसी की बस चलाते हैं।

    पीड़ित स्वजन ने जानकारी दी कि विकास व कुनबे के ही एक युवक को किसी अन्य युवक ने मर्चेंट नेवी में नौकरी लगवाने का वादा किया था। उसके झांसे में आकर दोनों युवक टूरिस्ट वीजा पर 17 जुलाई को कंबोडिया चले गए थे। करीब 20-25 दिन तक विकास से वाट्सएप काल पर अच्छी बातचीत हुई।

    इसके बाद विकास से संपर्क होना बंद हो गया। करीब 20 दिन बाद विकास ने काल करके जानकारी दी कि उनके साथ धोखा हो गया है। उनकी नौकरी मर्चेंट नेवी में नहीं लगी, बल्कि उनसे एक कंपनी में आनलाइन ठगी के लिए काल कराई जाती है। ऐसा न करने पर मारपीट की जाती है। कुनबे के युवक को किसी अन्य स्थान पर भेज दिया है। पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया तथा टूरिस्ट वीजा को वर्क वीजा में बदल दिया है। विकास को छोड़ने के एवज में कई लाख रुपये हड़प लिए हैं।

    ऐसे हुआ युवक का सफल रेस्क्यू

    पीड़ित स्वजन ने बताया कि विकास राणा को साइबर अपराधियों से मुक्त कराने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री जयन्त चौधरी, गृह मंत्रालय, एंबेसी, बागपत एसपी सूरज कुमार राय व अन्य अधिकारियों से शिकायत की गई। इसके बाद ही युवक का सफल रेस्क्यू हुआ।

    थाना पुलिस ने नहीं की सुनवाई

    पीड़ित स्वजन का कहना है कि इस संबंध में बिनौली थाना पुलिस से शिकायत की गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की।

    प्राइवेट समुद्री जहाज पर की नौकरी

    स्वजन ने बताया कि विकास 12वीं पास हैं। उन्होंने मर्चेंट नेवी का निजी संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर रखा है। कुछ समय पहले प्राइवेट समुद्री जहाज पर नौकरी भी की है। एक बार चीन जाने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हुए थे।

    विकास राणा को साइबर अपराधियों ने नौकरी का झांसा देकर कंबोडिया बुलाया था। उनसे भारत के लोगों के पास ठगी के लिए काल कराई जाती थी। इस तरह का साइबर अपराध का यह पहला मामला सामने आया है। भारत सरकार के प्रयास से कंबोडिया पुलिस ने गुरुवार को विकास का सफल रेस्क्यू किया है। उनको शीघ्र ही नियमानुसार भारत लाया जाएगा।
    सूरज कुमार राय, एसपी बागपत