Baghpat News: कामयाबी की उड़ान भर रही जौहड़ी की बेटी सीमा तोमर, सोना-चांदी और कांसा जीत रोशन कर रही नाम
वर्ष 1997 में जौहड़ी गांव में घास-फूंस की निशानेबाजी की रेंज से करियर की शुरुआत करने वाली ओमप्रकाश की बेटी सीमा ने नेशनल स्तर पर लगभग 15 स्वर्ण रजत और कांस्य पदक जीते हैं। यहीं नहीं बल्कि वर्ष 2004 में मलेशिया में हुई एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।
बागपत, जागरण संवाददाता। जौहड़ी गांव की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज सीमा तोमर आजकल एयर इंडिया में कामयाबी की उड़ान भर रही है। निशानेबाजी की बदौलत आज सीमा दूसरी बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी है। सीमा तोमर ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर कितने ही स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर जनपद का नाम रोशन किया है।
वर्ष 1997 में जौहड़ी गांव में घास-फूंस की निशानेबाजी की रेंज से करियर की शुरुआत करने वाली ओमप्रकाश की बेटी सीमा ने नेशनल स्तर पर लगभग 15 स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते हैं। यहीं नहीं बल्कि वर्ष 2004 में मलेशिया में हुई एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। वर्ष 2006 में काठमांडू में हुए सेफ गेम्स में स्वर्ण और कांस्य पदक जीतकर नाम रोशन किया।
मायावती ने रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड से नवाजा था
सीमा की उपलब्धियों को देखकर ही वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री रही मायावती ने उन्हें रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड से नवाजा था। उस समय सीमा ने खूब मीडिया की सुर्खियां बटोरी थी।
एयर इंडिया में प्रबंधक के पद पर तैनात सीमा ने बताया कि वह अपनी कामयाबी का श्रेय बीपी सिंघल शूटिंग रेंज के संस्थापक डा. राजपाल सिंह को देती है। उन्होंने ही निशानेबाजी का प्रशिक्षण दिया, जिसकी बदौलत वह आज इंडिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली में प्रबंधक है।
किसान परिवार की बेटी हैं सीमा
सीमा तोमर ने बताया कि वह किसान परिवार में पली बढ़ी है, लेकिन बचपन से ही उसके मन में कुछ करने का जज्बा भरा हुआ था। गांव में वर्ष 1997 में शूटिंग रेंज खुली तो वह अभ्यास के लिए उसमें जानी लगी और देखते ही देखते वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ गईं।