UP News: नौकरी का झांसा देकर हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का राजफाश, दो महिलाओं समेत सात गिरफ्तार
Baghpat News : बागपत पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। नोएडा मे ...और पढ़ें

बागपत पुलिस लाइन में पकड़े गए आरोपितों व उनसे बरामद सामान की जानकारी देते एसपी। जागरण
जागरण संवाददाता,बागपत। बैंक में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की आनलाइन ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने सात सदस्यों को गिरफ्तार कर राजफाश किया है। इनमें दाे महिलाएं शामिल हैं।
आरोपित नोएडा के सेक्टर-63 में काल सेंटर की आड़ में पिछले छह वर्ष से ठगी कर रहे थे। आरोपितों ने 15,000 लोगों को काल की गई, जिनमें से 6,450 लोगों ने रुपये का ट्रांजेक्शन किया है। आरोपितों के पास से फर्जी सिम, मोबाइल, कूट रचित नियुक्ति पत्र, एग्रीमेंट व अन्य सामान बरामद हुआ है।
एसपी सूरज कुमार राय ने रविवार दोपहर रिजर्व पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता में बताया कि गृह मंत्रालय के प्रतिबिंब पोर्टल से बागपत के दो मोबाइल नंबर पर तीन शिकायत दर्ज होना पाया गया, जिनकी जांच में 10 अन्य संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले। उन पर मध्य प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम, मेघालय आदि प्रदेशों से 22-23 शिकायत प्राप्त हुई।
गहनता से की गई जांच के आधार पर सीओ विजय कुमार चौधरी के नेतृत्व में साइबर क्राइम सेल के प्रभारी कैलाश चंद्र ने अपनी टीम के साथ सुबह ग्राम मवीकलां स्थित ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के पास से आरोपित मोहित कुमार, पुनीत कुमार, वरदान निवासीगण बड़ौत, अनुज कुमार मूलनिवासी ग्राम ख्वाजा नंगला हाल निवासी न्यू अशोक नगर ईस्ट दिल्ली, अक्षय निवासी सोंटा (शामली), आशा निवासी सेक्टर 41 नोएडा, शिवानी निवासी ग्राम बेगराजपुर (मुजफ्फरनगर) को गिरफ्तार किया।
आरोपितों ने नोएडा, बड़ौत, दिल्ली व मुजफ्फरनगर में काल सेंटर संचालित कर बेरोजगार युवाओं से ठगी करना स्वीकार किया है। प्रत्येक युवा से नौकरी का झांसा देकर 20 से 25 हजार रुपये की ठगी करते थे। आरोपितों ने 10 से 15 हजार लोगों से फोन से संपर्क किया। इनमें से 6,450 व्यक्तियों ने ट्रांजेक्शन किया है। इस तरह आरोपितों ने करोड़ों रुपये की आनलाइन ठगी की है।
गिरोह का सरगना अनुज, कोरोना काल में काल सेंटर खोले
एसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना अनुज है। यह अपने साथी मोहित के साथ वर्ष 2018 में फर्जी दस्तावेज तैयार करने पर बागपत व दिल्ली में गिरफ्तार हुआ था। कोरोना काल में अनुज ने काल सेंटर खोलकर अन्य युवकों को अपने गिरोह में शामिल किया था। पहले वैक्सीन के संबंध में काल करता था।
ऐसे करते थे ठगी
पुलिस के मुताबिक नौकरी डाट काम व ओएलएक्स पर बैंक में नौकरी का विज्ञापन अपलोड करते थे, जिन पर अंकित नंबर के आधार पर युवा संपर्क करते थे। इसके बाद उनके पास महिलाएं काल करती थी। उनसे आवेदन के बहाने 2,150 रुपये आनलाइन लिए जाते थे। दस्तावेज के सत्यापन के बहाने 500 रुपये लेते थे। कुछ दिन बाद साक्षात्कार के लिए काल करते थे।
उनका अलग-अलग आरोपित साक्षात्कार लेते थे। थोड़े दिन बाद नौकरी के लिए शपथ पत्र व फाइल तैयार कराने के लिए 5,000-10,000 रुपये लेते थे। इसके कुछ दिन बाद नौकरी लगने की जानकारी देते हुए ई-मेल पर फर्जी नियुक्त पत्र भेज देते थे। इसके बाद फिर रुपये की ठगी करते थे। बाद में बैंक शाखा के मुख्यालय से नियुक्ति पत्र में गड़बड़ी बताकर काल रिसीव करना बंद कर देते थे। कई बार युवाओं का नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल देते थे।
ये हुई बरामदगी
आरोपितों के पास से घटना में प्रयुक्त 12 मोबाइल, दो लैपटाप (फोल्डर में भारत के विभिन्न राज्यों के करीब 6,450 लोगों का डाटा), दो फर्जी सिम, बैंक की 15 पासबुक, दो चेकबुक, (अलग-अलग नाम की), दो क्यूआर कोड, एटीएम कार्ड, 11 अन्य प्रकाश के कार्ड, कई कूट रचित नियुक्ति पत्र एवं एग्रीमेंट बरामद हुए है।।

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