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    जिदगी-मौत के बीच जूझ रहा अरुण, 48 घंटे बाद भी नहीं निकली गोली

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 20 Mar 2022 07:06 PM (IST)

    छपरौली के आदर्श नंगला गांव के रहने वाले अरुण के कंधे से 48 घंटे बाद भी गोली नहीं निकली।

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    जिदगी-मौत के बीच जूझ रहा अरुण, 48 घंटे बाद भी नहीं निकली गोली

    बागपत, जेएनएन। छपरौली के आदर्श नंगला गांव के रहने वाले अरुण के कंधे से 48 घंटे बाद भी चिकित्सक गोली नहीं निकाल सके हैं। 315 बोर की गोली कंधे से नीचे खिसक गई है, जिसे निकालने में मुश्किल आ रही है। अरुण अब दिल्ली मेडिकल में भर्ती है। उधर, फरार चल रहे दो आरोपित पुलिस गिरफ्त में नहीं आ सके हैं, जबकि एक आरोपित को पुलिस जेल भेज चुकी है। पुलिस का कहना है अन्य आरोपितों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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    आदर्श नंगला गांव में शुक्रवार की शाम को पुरानी रंजिश को लेकर एक ही परिवार के तीन लोगों ने पड़ोसी दुकानदार अरुण को गोली मारकर घायल कर दिया था, जिसके बाद अरुण को सीएचसी में भर्ती कराया था। उसके बाद उसका मेरठ उपचार कराया। अरुण के ताऊ जयकुमार ने बताया कि उसके कंधे में गोली लगी हुई है, जो कुछ नीचे की ओर खिसक गई है। मेरठ के बाद शनिवार की शाम उसे दिल्ली मेडिकल में भर्ती कराया गया है, लेकिन घटना के 48 घंटे बाद चिकित्सक कंधे से गोली नहीं निकाल पाए हैं, जिससे उसकी हालत चिताजनक बनी हुई है। अरुण के कंधे में 315 बोर की गोली फंसी हुई है। अरुण के स्वजन बेहद चिता में है। उधर, अरुण के पिता सतीश ने युद्धिष्ठर, उसके भाई बालिष्ठर और भतीजे आदेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने बालिष्ठर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। चाचा और भतीजे को पुलिस अभी तक भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इंस्पेक्टर ओमप्रकाश आर्य ने बताया कि दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।