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    पौधे वाली अम्मा देती हैं हरियाली का आशीर्वाद

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 12 Jan 2022 03:09 AM (IST)

    बागपत के गांव गांगनौली की पौधे वाली अम्मा यानी ओमबीरी हरियाली का आशीर्वाद देती हैं। यदि किसी के यहां बचे का जन्मदिन हो या खुशी का कोई भी मौका हो तो ओमबीरी वहां पौधा लेकर पहुंच जाती है और आशीर्वाद के रूप में पौधा भेंट करती हैं।

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    पौधे वाली अम्मा देती हैं हरियाली का आशीर्वाद

    बागपत, जेएनएन। बागपत के गांव गांगनौली की पौधे वाली अम्मा यानी ओमबीरी हरियाली का आशीर्वाद देती हैं। यदि किसी के यहां बच्चे का जन्मदिन हो या खुशी का कोई भी मौका हो, तो ओमबीरी वहां पौधा लेकर पहुंच जाती है और आशीर्वाद के रूप में पौधा भेंट करती हैं। भावी पीढ़ी को पौधारोपण और उनके संरक्षण की सीख देती अम्मा जी अब तक सैकड़ों फूलदार व फलदार पौधे बांट चुकी हैं। लोग ओमबीरी को पौधे वाली अम्मा कहकर पुकारते हैं। बागपत जनपद के गांगनौली निवासी राजवीर की पत्नी 75 वर्षीय ओमबीरी का पौधारोपण से खासा लगाव है। अपनी मुहिम को उन्होंने सामाजिक संस्कारों से जोड़कर काफी आगे बढ़ाया है। उम्र के 75 बसंत देख चुकी ओमबीरी को पौधे लगाने का शौक बचपन से ही था। छोटी उम्र से ही वह किसी भी स्थान पर पौधा सूखता दिखाई देता है तो उसे वहां से निकालकर पानी वाले सुरक्षित स्थान पर रोप दिया करती थीं। उन्होंने अपने घर के आंगन में खाली पड़ी जगह पर नर्सरी तैयार कर दी, जिसमें अलग-अलग किस्म के पौधे रोप रखे हैं। ओमबीरी बताती हैं कि वैसे तो उसे याद ही नहीं कि कितने पौधे तैयार कर बांट चुकी हैं लेकिन हर साल घर की नर्सरी में तरह-तरह के फलदार, फूलदार पौधे तैयार कर उन्हें गांव और नाते-रिश्तेदारियों में भिजवाती रहती है। इसके अलावा गांव एवं जान-पहचान में कहीं भी विवाह एवं जन्मदिन आदि कार्यक्रमों में आशीर्वाद के रूप में हजारों पौधे भेंट कर चुकी हैं।

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    खुद तैयार करती हैं जैविक खाद

    ओमबीरी पौध तैयार करने के लिए जमीन में डाली जाने वाली वर्मी कम्पोस्ट और जैविक खाद खुद घर पर ही तैयार करती है। पौधों में रोग दिखाई देने पर वह नीम के पानी-तेल, छाछ, गो मूत्र और राख से उपचार करती हैं।

    नर्सरी में हैं पौधों की दर्जनों किस्में

    ओमबीरी ने अपने घर की नर्सरी में पानपत्ता, गेंदा, पत्थर चिटा, गुलदावदी, गुड़हल, क्रोटन, पपीता, जामुन, अमरूद, एलोवीरा, अजवाइन, रात की रानी, देशी हल्दी, मिर्च, हार सिगार, तुलसी, आखानंदी, सुख दर्शन आदि पौध तैयार कर रखी हैं।

    नक्शे कदम पर चल रही बेटियां

    ओमबीरी द्वारा दी गई सीख से प्रेरित होकर गांव की बेटियां भी उनके नक्शे कदम पर चल रही है। गांव निवासी सोनम राठी, पूजा मलिक, निक्की राठी, सोनिया राठी, शिवानी राठी, शिखा तोमर, पिकेश राठी, शैली राठी, कोमल राठी, शगुन पंवार, नेहा राठी भी अपने घरों में पौध तैयार करती हैं और सभी मंगलकार्यो में उपहार स्वरूप पौधे भेंट करती हैं।