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    83 साल की कांता देवी ने कोरोना को दी मात

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 13 May 2021 11:01 PM (IST)

    जज्बा और सकारात्मक सोच हो तो कोई कार्य कठिन नहीं है।

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    83 साल की कांता देवी ने कोरोना को दी मात

    बागपत, जेएनएन। जज्बा और सकारात्मक सोच हो तो कोई कार्य कठिन नहीं है। विषम परिस्थितियां भी कुछ नहीं बिगाड़ पाती हैं। कोरोना से घबराने वाले युवाओं के लिए 83 साल की कांता देवी प्रेरणा स्त्रोत हैं। उन्होंने हंसते-हंसते कोरोना वायरस को मात दी।

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    बागपत कोतवाली के एसएसआइ (वरिष्ट पुलिस उपनिरीक्षक) सत्येंद्र सिंह सिद्धू मूलरूप से अमरोहा के रहने वाले हैं। फिलहाल परिवार के साथ बागपत में रहते हैं। उनकी माता 83 वर्षीय कांता देवी की तबीयत खराब हो गई थी। स्वजन गत 23 अप्रैल को अस्पताल लेकर गए, तो जांच में बुजुर्ग महिला कोरोना पाजिटिव मिली थीं। उनका 25 वर्षीय पोता अभिषेक सिद्धू कोरोना संक्रमित था। एसएसआइ सतेंद्र सिंह सिद्धू ने अपने बेटे और माता को होम आइसोलेट कर दिया था। समय पर दवा दी तथा खानपान का ध्यान रखा गया। दादी-पोते ने कोरोना से जंग जीत ली। दोबारा जांच में उन दोनों की कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई। बुजुर्ग कांता देवी बताती हैं कि कोरोना संक्रमित होने के बाद घबराने की जरूरत नहीं है। मरीज को सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। जरूरी है कि तबीयत बिगड़ने पर डाक्टर से परामर्श लें। कोरोना के लक्षण प्रतीत होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचे और जांच कराएं। डाक्टर के बताए अनुसार दवा लें और कोविड की गाइडलाइन का पालन करें। ऐसा करके कोरोना को हराएं। दादी ने पोते का बढ़ाया हौसला

    स्वजन बताते है कि बुजुर्ग कांता देवी ने अपने पोते अभिषेक सिद्धू का हौसला बढ़ाया। बार-बार कहती थी कि कोरोना वायरस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। हम जल्द ही ठीक हो जाएगे। संकल्प लेने का किया आह्वान

    रक्तदान जीवनदान ग्रुप के संस्थापक मुकीम मलिक ने कोरोना महामारी के मद्देनजर लोगों से ईद अपने घर पर ही मनाने की अपील की। महामारी ने हमारे आसपास कई अजीजों और परिचितों को छीन लिया है। ऐसे में पड़ोस में मातम हैं, तो हम ईद की खुशी कैसे मना सकते हैं। उन्होंने चेहरे पर मास्क, दो गज की दूरी का पालन करने और जरूरी होने पर घर से निकलने की अपील की ताकि जल्द से कोरोना संक्रमण से पीछा छुड़ाया जा सकें।