तख्ती, कलम और दवात बनी गुजरी बात
खेकड़ा, बागपत। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में तख्ती, कलम और दवात एक गुजरे जमाने की बात होकर रह गयी है। प्रारंभिक शिक्षा के काम आने वाली तीनों वस्तुएं आज स्कूलों से गायब हो गयी है।
बेसिक शिक्षा का आधार तख्ती कलम और दवात आज प्राइमरी स्कूलों से लगभग गायब हो गया है। लेख सुधारने के लिए निर्धारित तीनों वस्तुएं आज स्कूलों में कही पर भी नही दिखाई देती। एक समय था जब सरकारी स्कूलों में सुलेख व शुद्ध उच्चारण पर विशेष ध्यान दिया जाता था। सुलेख और शुद्ध उच्चारण के लिए नियमित रूप से बच्चों से स्कूलों में तख्ती लिखवायी जाती थी। बच्चों में भी आपस में एक दूसरे से सुंदर लिखने की होड़ सी लगी रहती है। इसके अलावा कलम बनाने वाले चाकू का जेब में होना शिक्षकों की पहचान में शामिल था। शिक्षा अधिकारी भी निरीक्षण के समय सुंदर व शुद्ध उच्चारण के साथ लिखी गयी तख्तियों के आधार पर ही स्कूलों की गुणवत्ता का आंकलन किया करते थे। लेकिन आधुनिकता की दौड़ बहुत पीछे छूट गई है। वर्ष 1994 के बाद से सरकारी स्कूलों में तख्तियां बिल्कुल ही गायब हो गयी है। ऐसा नहीं है कि विभाग की ओर से विद्यालयों में तख्ती लिखवाने पर रोक लगी हो, बल्कि विभागीय अधिकारियों की ओर से आज भी कक्षा एक से पांच तक नियमित रूप से तख्ती लिखवाने के स्पष्ट निर्देश हैं। लेकिन ये निर्देश केवल कागजों तक ही सीमित है। क्यों कि अधिकारी भी इनका कोई निरीक्षण नही करते। इसे अधिकारियों की लापरवाही कहे, या फिर उदासीनता, बहरहाल, आज विद्यालयों से तख्ती पूरी तरह से गायब हो गयी है। इनका नामोनिशान तक स्कूलों में नही है। यही हाल रहा तो वह दिन दूर नही जब स्कूलों में लिखने के काम आने वाली तख्ती म्यूजियम में रखी जाने वाली वस्तु होकर रह जायेगी। इतना ही नही आने वाली पीढ़ी को जब गुरुजी त से तख्ती, क से कलम और द से दवात पढ़ाऐंगे तोच्बच्चे पूछेंगे कि गुरुजी ये तख्ती कलम और दवात क्या होता है?
तख्ती के स्थान पर आयी अभ्यास पुस्तिका : एबीएसए
खेकड़ा : इस संबंध में जब सहायक बीएसए संतोष प्रताप सिंह से बात की गयी तो उनको भी मालूम नही था कि तख्ती है या नही। उनका कहना था कि शायद तख्तियों को विद्यालय से खत्म कर दिया गया हो। तख्ती के स्थान पर अभ्यास पुस्तिका आ गयी है। चार साल से कही पर भी तख्ती नही है।
नियमावली व अधिकारियों में मतभेद
खेकड़ा : शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से भेजी गयी नियमावली में भी मतभेद है। नये शैक्षणिक सत्र में जनपद के सभी विद्यालयों को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जो अवकाश तालिका भेजी गयी है, उसमें नियम संख्या नो पर स्पष्ट निर्देश है कि कक्षा एक से पांच तक की कक्षा में तख्ती नियमित रूप से लिखवाई जाये। उसके बाद भी कही पर इस नियम का पालन नही हो रहा है। जब कि अवकाश तालिका व नियमावली पर बीएसए, उप बेसिक शिक्षा अधिकारी, शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।