1038 करोड़ गन्ना भुगतान नहीं मिलने से किसान हलकान
गांवों में कोरोना एवं दूसरी बीमारियों के कहर बरपाने के साथ ही किसान भी प्रभावित हुए हैं। इस दौरान मिलों से बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान न होने से उनकी दिक्कत बढ़ गई है।
जेएनएन, बागपत : गांवों में कोरोना एवं दूसरी बीमारियों के कहर बरपाने के साथ ही किसान आर्थिक संकट में भी फंसे हैं। चीनी मिलों से 1038 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान नहीं मिलने से किसान बीमार स्वजन का इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं। किसानों को कर्ज लेकर काम चलाना पड़ रहा है।
बागपत के 1.24 लाख किसानों का गन्ना 12 चीनी मिलों में जाता है। इनमें तीन चीनी मिलें बागपत तथा बाकी नौ मिल दूसरे जिलों में हैं। मलकपुर चीनी मिल पर 4.30 करोड़ रुपये, सहकारी चीनी मिल बागपत पर 93.37 करोड़ तथा रमाला मिल पर 214.11 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान बकाया है। बाकी 300 करोड़ रुपये से ज्यादा दूसरे जिलों की मिलों पर बकाया है।
भाकियू जिलाध्यक्ष चौ. प्रताप सिंह गुर्जर कहते हैं कि गन्ना भुगतान नहीं मिलने से किसान पर दोहरी मार पड़ रही है, क्योंकि बीमारी के इलाज या घर के दूसरे काम करने को लिए गए कर्ज का ब्याज चुकाना पड़ रहा है।
सरूरपुरकलां के सुभाष नैन ने कहा कि गन्ना भुगतान नहीं मिलने से किसान अपना इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं। मिलों को तत्काल गन्ना भुगतान करना चाहिए। जिला गन्ना अधिकारी डा. अनिल कुमार ने कहा कि गन्ना भुगतान कराने को मिलों के प्रबंधन पर दबाव बना रहे हैं। पिछले साल का शत प्रतिशत गन्ना भुगतान कराया जा चुका है।
दुकान खुलवाने के लिए
डीएम से मिले व्यापारी
बागपत: संयुक्त व्यापार वेलफेयर एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल डीएम राजकमल यादव से मिल। उन्होंने डीएम से सभी दुकानों को सुबह छह बजे से दोपहर एक बजे से खुलवाने की मांग की है। क्योंकि व्यापारियों के सामने समस्या उत्पन्न हो रही है। दुकान का किराया, ईएमआई, लेवर की वेतन, बिजली का बिल समेत अनेको खर्च है। व्यापारियों को छूट दी जाए ताकि वह अपना व्यापार चला सके। डीएम ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांग मुख्यमंत्री तक भेजी जाएगी। जो भी आदेश होंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान अध्यक्ष नन्दलाल डोगरा, महामंत्री संजय रूहेला, अमित अग्रवाल, राजेश गुलयानी, दीपक सिन्धी, सूर्यप्रकाश चौहान मौजूद रहे