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    Baghpat Train Murder: चलती ट्रेन में युवक की पीट-पीटकर हत्‍या, तमाशबीन बने रहे कोच में मौजूद यात्री

    Updated: Sat, 21 Jun 2025 05:34 PM (IST)

    फखरपुर हॉल्ट से ट्रेन चलते ही गाली-गलौज कर अचानक 25 से 30 आरोपितों ने दीपक यादव पर हमला कर दिया था। साले व साथी ने दीपक को बचाने का प्रयास किया तो आरो ...और पढ़ें

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    संवाद सहयोगी, खेकड़ा। फखरपुर हॉल्ट से ट्रेन चलते ही गाली-गलौज कर अचानक 25 से 30 आरोपितों ने दीपक यादव पर हमला कर दिया था। साले व साथी ने दीपक को बचाने का प्रयास किया तो आरोपितों ने उनसे भी मारपीट की। किसी अन्य यात्री ने दीपक को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। दीपक के साले ने पांच नामजद व अन्य अज्ञात आरोपितों के विरुद्ध बड़ौत जीआरपी थाने पर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने कई को हिरासत में लिया है।

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    अहिरान मुहल्ला की तलहटी पट्टी में वर्षों से अपने ननिहाल में रहने वाला दीपक पुत्र ऋषिपाल यादव दिल्ली के भगीरथ पैलेस में प्राइवेट नौकरी करता था। रोजाना की भांति शुक्रवार रात भी अपने साले वीरेंद्र व साथी नितिन के साथ ट्रेन से घर लौट रहा था। जैसे ही ट्रेन फखरपुर हाल्ट से चली तो पास में बैठे युवक ने गाली-गलौज की और विरोध करने पर पहले से बैठे 25 से 30 आरोपितों ने उस पर पंच आदि से हमला कर दिया। ये आरोपित भी दिल्ली में छोटी-मोटी नौकरी करते हैं।

    वीरेंद्र ने बताया कि उसने व नितिन ने दीपक को बचाने का प्रयास किया तो आरोपितों ने उनके साथ मारपीट कर पहुंच से दूर कर दिया। आरोपित फखरपुर से खेकड़ा तक दीपक को पीटते ही रहे जब तक कि वह बेसुध होकर नीचे नहीं गिर गया। इस बीच उसने मौका पाकर घर पर घटना की जानकारी तो वे स्टेशन पर पहुंचे। आरोपित खेकड़ा में ट्रेन से कूदकर फरार हो गए। सीएचसी पर दीपक को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

    वीरेंद्र पुत्र शिवलाल निवासी टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड ने खेकड़ा निवासी संजीव उर्फ पोनू, प्रियांशु, सिद्धार्थ उर्फ एलिस, बसी निवासी राहुल उर्फ बाबा व विशाल के साथ अन्य अज्ञात आरोपितों के विरुद्ध बड़ौत जीआरपी थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं, पुलिस ने करीब आठ संदिग्ध व कई नामजद को हिरासत में लिया है।

    पुलिस ने आरोपितों पर भीड़ में दंगा व हत्या करने की धारा में मुकदमा दर्ज किया। वहीं, जीआरपी सीओ ने पीड़ित परिवार व रेलवे स्टेशन पर स्टाफ व यात्रियों से जानकारी जुटाई। जीआरपी थाना प्रभारी उधम सिंह तालान का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। जल्द आरोपित गिरफ्त में होंगे।

    कोई नहीं आया बचाने

    वीरेंद्र ने बताया कि डिब्बे में कई लोग मौजूद थे, लेकिन आरोपितों को मारपीट करते देखकर कोई भी दीपक को बचाने के लिए आगे नहीं आया। अगर यात्री बीच बचाव कराते तो शायद दीपक की जान बच सकती थी।

    20 दिन पहले सीट पर बैठने को लेकर हुआ था झगड़ा

    दीपक के साथ यात्रा करने वालों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि करीब 20 दिन पहले आरोपितों का सीट पर बैठने को लेकर दीपक से झगड़ा हुआ था। तब आरोपित एक दो ही थे, जो अन्य यात्रियों के दखल करने पर चले गए थे। आरोपितों में तब से कोई भी दीपक के आसपास भी नजर नहीं आता था। लेकिन शुक्रवार रात आरोपितों में एक युवक लोनी से इस डिब्बे में आकर बैठा था और बाकी फखरपुर हॉल्ट पर सवार हुए थे। आरोपितों ने योजना के तहत ही दीपक पर हमला किया।

    रेलवे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

    कोरोना काल से दैनिक यात्री रेलवे अधिकारियों से लगातार शिकायत कर ट्रेन में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाए जाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अगर पुलिस पहले ही गश्त करती या ट्रेन में सुरक्षा के लिए तैनात रहती तो आए दिन मारपीट की घटनाओं के साथ यह जानलेवा घटना भी रुक जाती।

    30 साल पहले पिता की मौत के बाद मां संग ननिहाल आ गया था दीपक

    सुभाष यादव ने बताया कि उनकी बहन की शादी मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी ऋषिपाल से हुई थी। करीब 30 साल पहले बहनोई ऋषिपाल की बीमारी के कारण मौत हुई थी। इसके बाद वे बहन संतोष व इकलौते भांजे दीपक को अपने साथ ले आए थे। यहीं पर दीपक की शादी की और दीपक अपने परिवार के साथ उनके पास ही रहता था। दीपक की 14 साल पूर्व उत्तराखंड के गढ़वाल से शादी हुई थी। दीपक की पत्नी संतोष, 12 साल की बेटी छवि व डेढ़ साल का बेटा चुन्नू है। दीपक की मौत के बाद परिवार के कोहराम मचा है। वहीं, मुहल्ले के लोग दीपक के व्यवहार की प्रशंसा करते नहीं थक रहे थे। हर कोई दीपक के हत्यारोपितों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहा था।

    शव पहुंचा तो देखने को उमड़ी भीड़

    दीपक को मुहल्ले का हर एक इंसान प्यार करता था, क्योंकि उसका व्यवहार अन्य युवकों से अलग था। जैसे ही दीपक की मौत की जानकारी सुबह लोगों को लगी तो सभी स्तब्ध रह गए। क्योंकि दीपक कभी किसी से झगड़ता नहीं था और न कभी मुहल्ले में किसी से कहासुनी हुई। पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। हर किसी की आंखें नम थीं।

    सीट को लेकर मारपीट की घटनाएं आम

    दिल्ली सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर दौड़ने वाली ट्रेनों में सुबह व शाम को अधिकांश नौकरीपेशा लोग यात्रा करते हैं। शाम को दिल्ली से शामली को जाने वाली ट्रेन के हरेक डिब्बे में ये लोग शराब भी पीते हैं। आए दिन ट्रेनों में सीट पर बैठने को लेकर मारपीट की घटनाएं भी आम को चुकी हैं। पिछले दिनों गोठरा हॉल्ट के पास भी मारपीट कर एक युवक को चलती ट्रेन से फेंका गया था। इसके बाद भी रेलवे पुलिस की कुंभकर्णी नींद नहीं टूटी।