UPPCL: सुबह-सुबह बिजली विभाग की छापेमारी, 85 कनेक्शन काटे; सात लाख रुपये वसूले
बदायूं जिले के दहगवां में बिजली विभाग ने बकाया बिल न जमा करने पर 200 से अधिक कनेक्शन काटे जिसमें से 85 उपभोक्ताओं ने भुगतान नहीं किया। वसूली अभियान के तहत 7 लाख रुपये की वसूली हुई। वहीं वजीरगंज में पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन शमा परवीन पर निकाय के जेनरेटर से बिजली चोरी का आरोप लगा है। शासन ने डीएम को 2.55 लाख रुपये की वसूली का आदेश दिया है।

जागरण संवाददाता, दहगवां (बदायूं)। बकाया बिजली बिल जमा नहीं करने पर विद्युत विभाग ने अभियान चलाकर उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि उपभोक्ताओं पर बिल बकाया है वह जल्द बकाया बिल जमा कर दे, नहीं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
गुरुवार की सुबह आठ बजे से ही नगर पंचायत दहगवां में वसूली अभियान चलाया गया, जिसमें दो सौ से अधिक कनेक्शन काट दिए गए,लेकिन जिन लोगों ने बिल जमा कर दिया तो लाइन जोड़ दी गई। 85 लोगों के बिल जमा न करने पर कनेक्शन काट दिए गए।
एसडीओ सहसवान अभिषेक ऋषि ने बताया कि दहगवां बिजलीघर से जुड़े बिजली बिलों की बकाया की वसूली का अभियान चलाया गया है, जिसमें सात लाख रुपये की वसूली की गई है। जेई रजनीश कुमार दहगवां,जेई रणवीर सिंह मुजरिया,जेई प्रवीन कुमार जरीफनगर मौजूद रहे।
बिजली चोरी में तत्कालीन चेयरमैन की बढ़ी मुश्किलें
वहीं, वजीरगंज में बिजली चोरी के मामले में नगर पंचायत की तत्कालीन चेयरमैन शमा परवीन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आरोप है कि कार्यकाल में निकाय के जेनरेटर से उनकी कोठी (घर) भी रोशन हुआ करती थी। सालों से दबी फाइल अब जाकर खुली है। शासन ने 2.55 लाख की रकम को उनसे वसूल करने के आदेश डीएम को दिए हैं।
वर्ष 2012 में हुए निकाय चुनाव में दिग्गजों को पटकनी देते हुए उमर कुरैशी ने निकाय पर कब्जा किया था। वर्ष 2017 में महिला आरक्षण होने की स्थिति में उनकी पत्नी शमा परवीन चेयरमैन बन गईं। तत्कालीन चेयरमैन शमा परवीन पर उनके कार्यकाल में तमाम आरोप लगे।
आरोपों की इस कड़ी में तत्कालीन चेयरमैन शमा परवीन अपने कार्यकाल में निकाय के जेनरेटर से बिजली चोरी कर कोठी को रोशन करती रहीं। इसकी शिकायत पर छापामारी हुई तो आरोप सच साबित भी हुआ। बिजली विभाग से बिजली लोड का प्राक्कलन लिया गया तब स्पष्ट हुआ कि उनकी कोठी में लगातार आठ महीने तक 10 केवी बिजली की चोरी की जाती रही।
इससे निकाय को 2,54,616 रुपयों की वित्तीय नुकसान हुआ माना गया। उस वक्त नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी ने चेयरमैन रहीं शमा परवीन को आकलित धनराशि निकाय कोष में जमा करने को अंतिम नोटिस भी दिया गया, लेकिन न तो उन्होंने यह अर्थदंड जमा किया और न ही आगे कोई कार्यवाही बढ़ी।
सालों बाद अब जाकर बिजली चोरी के मामले की फाइल खुली और शासन के अनु सचिव पारस नाथ ने डीएम को पत्र भेज तत्कालीन चेयरमैन से आकलित रकम की वसूली कर निकाय कोष में जमा कराने के लिए निर्देश दिए हैं।
बिजली चोरी का आरोप मनगढ़ंत है। घर में बिजली कनेक्शन, इनवर्टर व जेनरेटर लगा है। ऐसे में निकाय के जेनरेटर से बिजली चोरी का आरोप हास्यास्पद है। नोटिस का जवाब भी लिखित में दिया जा चुका है। - शमा परवीन, तत्कालीन चेयरमैन
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