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    यूपी के बदायूं का महिला अस्पताल बना लोगों की पंचायत का अड्डा, मरीज सोते हैं जमीन पर- लोग बेड पर लड़ाते हैं गप्पे

    ऐसे में देखा गया कि सुबह से ही नवजात बच्चों के एसएनसीयू और प्राइवेट वार्ड के बीच में प्राइवेट कुर्सियों पर पांच-छह लोग बैठकर पंचायत कर रहे हैं। वहीं पास में ही गरीब मरीजों के तीमारदार जमीन पर पकड़ा बिछाकर लेटे बैठे हैं। पूछने पर बताया गया कि इनका कोई मरीज अस्पताल में भर्ती है। जिसको देखने के लिए यह लोग आए हैं।

    By Shivam Pratap Singh Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 11 Oct 2024 07:45 PM (IST)
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    रसूखदार तीमारदारों के सामने उनकी भी व्यवस्था बौनी नजर आ रही है।

    जासं, बदायूं। जिला महिला अस्पताल में मरीज और तीमारदारों के साथ भेदभाव किया जाता है। यहां रसूखदार तीमारदार प्राइवेट कुर्सियां मंगाकर वार्ड के सामने पंचायत करते देखे जा रहे हैं। तो वहीं गरीब और देहात से आने वाले तीमारदार जमीन पर कपड़ा बिछाकर बैठते हैं।

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    महिला अस्पताल की इस व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वहीं जिला महिला अस्पताल के प्राइवेट और एसएनसीयू वार्ड के सामने प्राइवेट कुर्सियां डालकर लोगों के पंचायत करने पर अन्य मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं अस्पताल में तैनात पूर्व सैनिकों की व्यवस्थाएं पर भी सवाल उठ रहे हैं।

    अस्पतालों में चलती है लोगों की पंचायत

    शुक्रवार को अवकाश होने के कारण जिला महिला अस्पताल के अधिकारी छुट्टी पर थे। ऐसे में देखा गया कि सुबह से ही नवजात बच्चों के एसएनसीयू और प्राइवेट वार्ड के बीच में प्राइवेट कुर्सियों पर पांच-छह लोग बैठकर पंचायत कर रहे हैं। वहीं पास में ही गरीब मरीजों के तीमारदार जमीन पर पकड़ा बिछाकर लेटे बैठे हैं। पूछने पर बताया गया कि इनका कोई मरीज अस्पताल में भर्ती है। जिसको देखने के लिए यह लोग आए हैं।

    लेकिन ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि मरीज को देखने आए रसूखदार लोगों को वार्ड के बाहर कुर्सियों पर बैठकर पंचायत करने की क्या आवश्यकता थी। नवजात बच्चों के एसएनसीयू वार्ड को बाहरी लोगों के संपर्क से दूर रखा जाता है। उन्हें संक्रमण लगने और फैलने का डर बना रहता है।

    इसीलिए इस वार्ड को विशेष सुरक्षा और तकनीकी से बनाया से बनाया जाता है। लेकिन शुक्रवार को जिला महिला अस्पताल की सारी सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त नजर आई। अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। खास बात यह है कि जिला महिला अस्पताल में व्यवस्थाएं और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों को लागू कराने के लिए फौज के पूर्व सैनिकों को तैनात किया गया है। लेकिन रसूखदार तीमारदारों के सामने उनकी भी व्यवस्था बौनी नजर आ रही है।

    कई घंटे गायब रही बिजली

    छुट्टी होने के कारण जिला महिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं हावी रहीं। अस्पताल में कई घंटे बिजली गायब रही। जिस कारण अस्पताल में स्थित एसएनसीयू वार्ड, पीएनसी वार्ड और लेवर रूम में अंधेरा छाया रहा। काफी देर के बाद जनरेटर चला तब बिजली पहुंची।

    छुट्टी होने पर मैं घर आ गया हूं। अस्पताल में वार्ड के सामने प्राइवेट कुर्सियां डालकर कौन बैठा है इस बात की जानकारी नहीं है। गार्ड से दिखवाता हूं।

    - डा. इंदुकांत वर्मा, सीएमएस जिला महिला अस्पताल

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