बहन की गवाही से खुला भाई की हत्या का राज: अब इलेक्ट्रानिक साक्ष्य दिलाएंगे आरोपितों को सजा
बदायूं के जरीफनगर में मनोहर की हत्या का राज उसकी बहन की गवाही से खुला। अवैध संबंधों के चलते दीपक ने अपने साथियों के साथ मिलकर डीसीएम से कुचलकर मनोहर की हत्या कर दी थी। पहले इसे हादसा माना जा रहा था, लेकिन पूनम की गवाही और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों ने आरोपियों को दोषी साबित किया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, बदायूं। अगर उस दिन पूनम अपने भाई मनोहर के साथ दीपक को न देखती तो शायद उसके भाई की हत्या का राज दफन होकर रह जाता और स्वजन को पता भी नहीं चलता कि उसके भाई की हत्या कर दी गई है। वह तो उसकी मृत्यु को हादसा मान रहे थे और यही सोचते हुए उन्होंने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था लेकिन बहन की गवाही से एक आरोपित का चेहरा सामने आया और फिर तीन आरोपित पकड़े गए। बाद में पता चला कि मनोहर की हत्या अवैध संबंधों के चलते की गई थी।
जरीफनगर थाना क्षेत्र में उस्मानपुर पुल पर डीसीएम से कुचलकर कर दी थी मनोहर की हत्या
जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव लधुपुर निवासी 24 वर्षीय मनोहर पुत्र ओमकार डीसीएम चालक था। वह नौ मार्च की शाम को अचानक अपने घर से लापता हो गया था। देर रात स्वजन को पता चला था कि उसका शव उस्मानपुर पुल के नजदीक सड़क पर पड़ा हुआ है। जब वह मौके पर पहुंचे तो उसका शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था। देखने में लग रहा था कि शायद कोई वाहन उसे टक्कर मार कर चला गया है।
स्वजन मान रहे थे हादसा, पोस्टमार्टम में निकली हत्या
स्वजन मान रहे थे कि शायद मनोहर कहीं से लौट रहा होगा या कहीं जा रहा होगा। इसी दौरान उसे कोई वाहन टक्कर मार कर चला गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। खैर स्वजन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दूसरे दिन उसके शव का पोस्टमार्टम करा दिया। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी एक्सीडेंटल चोटें बताई गईं थीं। इससे पुलिस भी इसको हादसा मान रही थी लेकिन अंतिम संस्कार के बाद जब स्वजन अपने घर में बैठकर आपस में चर्चा कर रहे थे। उनके मन में एक ही सवाल था कि आखिर मनोहर रात को कहां और किसके साथ गया था।
मोबाइल की लोकेशन से पकड़े गए थे तीन हत्यारोपित
तब उसकी बहन पूनम ने बताया था कि मनोहर को उस्मानपुर गांव का दीपक बुलाकर ले गया था। वह शाम को बाइक लेकर घर आया था लेकिन परिवार के लोगों की नजर उस पर नहीं पड़ी। गनीमत रही कि उसे पूनम ने देख लिया था। जब पूनम ने यह बात थाना पुलिस को बताई तो पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई और दीपक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि मनोहर के उसकी बहन से अवैध संबंध थे। कई बार मनोहर को चेतावनी दे चुका था लेकिन वह वह नहीं मान रहा था। इससे उसने अपने साथी धोबरखेड़ा निवासी विशाल और मदारपुर निवासी दिनेश के साथ मिलकर उसकी डीसीएम से कुचलकर हत्या कर दी। थाना पुलिस ने तीनों आरोपितों को 29 अगस्त को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। अभी इस मामले में तीनों आरोपितों के खिलाफ करीब डेढ़ सौ पेज की चार्जशीट भी लगा दी गई है। बहन की गवाही के साथ पुलिस ने इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी बनाया है और उसी के आधार पर उन्हें सजा भी मिलेगी।
रामप्रताप चौहान और मोहित निकले निर्दोष
पिता ओमकार सिंह ने बहन पूनम की गवाही के आधार पर उस्मानपुर निवासी दीपक पुत्र बबलू, सर्वेश पुत्र साहब सिंह, कासगंज जिले के गंजडुंडवारा क्षेत्र के गांव विकास नगर निवासी राम प्रताप चौहान, धोबर खेड़ा निवासी विशाल पुत्र सत्य प्रकाश और उसके सगे भाई मोहित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस की जांच में केवल दीपक, विशाल और दिनेश ही आरोपित साबित हुए जबकि राम प्रताप चौहान और मोहित निर्दोष पाए गए। उनकी लोकेशन घटनास्थल पर नहीं पाई गई। इससे पुलिस ने दोनों नामजदों को चार्जशीट से बाहर कर दिया है।
ऐसे हुई थी दीपक की बहन से मुलाकात
लधुपुरा निवासी मनोहर डीसीएम चालक था। हत्यारोपित दीपक भी अपने मामा विशाल की डीसीएम चलाता था। उनकी अक्सर एक-दूसरे से मुलाकात होती थी, जिससे उनका एक-दूसरे के घर पर आना जाना भी था। मनोहर अक्सर दीपक के घर जाता था, जिससे उसकी बहन से मनोहर के संबंध हो गए थे। उस दौरान दीपक की बहन की शादी नहीं हुई थी। फिर शादी के बाद भी उनके संबंध रहे। इसी वजह से दीपक की बहन का अपनी ससुराल से रिश्ता टूट गया था।
शुरूआती दौर में हम इसे हादसा मान रहे थे लेकिन जब बाद में पूनम ने बताया कि उसके भाई को उस्मानपुर का दीपक बुलाकर ले गया था। फिर उसकी किसी वाहन से कुचलकर कैसे मृत्यु हो गई। इसके बारे में दीपक को जरूर पता होगा। तब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। उसकी लोकेशन घटनास्थल पर मौजूद थे। उसके साथ दो और लोग मौजूद थे। विवेचना में तीनों ही लोग हत्यारोपित निकले। इससे तीनों के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई है। इसमें इलेक्ट्रानिक साक्ष्य आधार बनाए गए हैं।- अश्वनी कुमार, इंस्पेक्टर जरीफनगर
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