Sanskarshala 2022 : Internet के नकारात्मक पहलू से दूर रहें तो भविष्य उज्ज्वल - सुजीत सिंह
Sanskarshala 2022 वर्तमान समय में इंटरनेट के उपयोग से समस्त क्षेत्रों में क्रांति आ गई है। जीवन का प्रत्येक आयाम कंप्यूटर तथा इंटरनेट के माध्यम से जोड़ा जा सकता है। हर व्यक्ति इंटरनेट से जुड़ा है अथवा जुड़ना चाहता है।

बदायूं, जागरण संवाददाता। Sanskarshala 2022 : वर्तमान समय में इंटरनेट के उपयोग से विकास एवं अध्यात्म के समस्त क्षेत्रों में क्रांति आ गई है। अधिकांश क्षेत्रों को पूरी तरह से इंटरनेट माध्यमों से जोड़ने का प्रयास विश्व स्तर पर जारी है। जीवन का प्रत्येक आयाम कंप्यूटर तथा इंटरनेट के माध्यम से जोड़ा जा सकता है। सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी इंटरनेट से जुड़ा है अथवा जुड़ना चाहता है।
सूचना तकनीक अथवा शिक्षा का हर पहलू इंटरनेट के माध्यम से काफी सरल हो गया है। अधिकांश बहुमूल्य पुस्तकें तथा उच्च कोटि के प्राध्यापक किसी भी समय इंटरनेट पर उपलब्ध रहते हैं, जिसका लाभ कम संसाधन अथवा गरीब, ग्रामीण एवं दूर-दराज के प्रतिभावान छात्रों के लिए वरदान साबित हुआ है।
आज का विद्यार्थी इंटरनेट के माध्यम से बिना किसी लागत के समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं का अध्ययन कर सकता है। बड़े प्रकाशन संस्थाओं की पुस्तकों का अध्ययन निम्न लागतों में किया जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली हर कठिनाइयों जैसे शब्दकोश, परिभाषिक शब्दावली, वैज्ञानिक पर्यवेक्षण, ऐतिहासिक तथ्यों आदि को इंटरनेट के माध्यम से सजीव एवं सरल तरीके से समझा जा सकता है।
इंटरनेट के माध्यम से छात्र एवं शिक्षक का संबंध प्रतियोगितात्मक होता जा रहा है। अद्यतन विषयों को बहुत बारीकी से छात्र-छात्राएं अपने अध्यापकों से परिचर्चा कर सकते हैं और अध्यापक भी छात्रों की जिज्ञासा के अनुसार उच्च स्तरीय ज्ञान देना चाहते हैं। इंटरनेट के माध्यम से कोई भी विषय जब आवश्यक महसूस हो, हम अध्ययन कर सकते हैं। इंटरनेट से पठन-पाठन के क्षेत्र में बहुमुखी विकास हुआ है।
उच्च शिक्षा के अधिकांश संस्थानों द्वारा इंटरनेट सुविधाएं पूरे कैंपस में दी जाती हैं। सस्ती एवं सरलज्ञान से आधुनिक पीढ़ी के लिए इंटरनेट वरदान साबित हुआ है। आपातकालीन परिस्थितियों में जैसे सामाजिक राजनीतिक आंदोलन, महामारी अथवा अन्य कारणों से यदि छात्र अपने अध्यापकों से नहीं जुड़ पाता है तो इंटरनेट के माध्यम से उसकी शिक्षा जारी रहती है। इंटरनेट के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुमूल्य शिक्षण सामग्री उपलब्ध रहती है।
उच्च कोटि के शिक्षकों का मार्गदर्शन एवं उनसे होने वाले साक्षात्कार को आसानी से देखा जा सकता है। अधिकांश वेबसाइट छात्र-छात्राओं के इस उपयोगिता को ध्यान में रखकर कार्य कर रही हैं। समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा देखती भी अपने बच्चों को इंटरनेट के माध्यम से उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करता है। भारत जैसे ग्रामीण एवं पिछड़े सामाजिक परिवेश के बच्चे भी शिक्षा जगत से जुड़ने का प्रयास करते हैं।
इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के खेलों, संगीत तथा अन्य शिक्षण कलाओं के प्रति उनका रुझान बढ़ता जा रहा है। इंटरनेट का नकारात्मक पक्ष भी है जिसमें छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व पर बुरा प्रभाव पड़ता है। किशोरावस्था भडटकाव की अवस्था होती है। इंटरनेट पर उत्तेजक एवं अश्लील चित्र एवं वीडियो से छात्र-छात्राओं में भटकाव जैसी स्थिति होने से शिक्षा में अरुचि उत्पन्न होने लगती है और शिक्षित युवा वर्ग पतन की ओर अग्रसर हो जाता है।
इंटरनेट के सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्षो को ध्यान दिया जाए तो निर्भर करता है कि हम लेना क्या चाहते हैं? इंटरनेट पर उपलब्ध समस्त जानकारी का अपना अलग विषय होता है छात्र-छात्राओं को शिक्षण सामग्री अथवा व्यक्तित्व के विकास के अतिरिक्त नकारात्मक पहलुओं से दूर रहने में ही उनका उज्जवल भविष्य छिपा होता है।- सुजीत सिंह, प्रधानाचार्य पन्नालाल नगर पालिका इंटर कालेज सहसवान, बदायूं
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