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चूहे की हत्या के आरोप में फंसे मनोज ने बयां किया अपना दर्द, पूछा- मुर्गा व बकरा काटने वालों पर केस क्यों नहीं?

Rat killing in Budaun चूहे की हत्या में फंसे मनोज ने कहा कि चूहों से उन्हें कितना नुकसान हुआ यह वही जानते हैं लेकिन मुर्गा और बकरा तो किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे फिर उन्हें क्यों काटा जा रहा है। पशु प्रेमी को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 29 Nov 2022 08:24 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 08:24 PM (IST)
चूहे की हत्या के आरोप में फंसे मनोज ने बयां किया अपना दर्द, पूछा- मुर्गा व बकरा काटने वालों पर केस क्यों नहीं?
Rat killing in Budaun: चूहों की वजह से हर रोज होते नुकसान के बारे में मनोज ने बताया।

बदायूं, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बदायूं शहर के पनवड़िया मुहल्ले में रहने वाले मनोज हाल ही में एक चूहे को मारकर बुरे फंस गए हैं। उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज हो गई और शांति भंग में चालान भी हो गया। देश विदेश में सुर्खियां बटोरने वाली इस खबर के केंद्र मनोज ने अब एक सवाल किया है। उनका कहना है कि जब चूहे को मारने पर कार्रवाई हो सकती है, तो मुर्गे, बकरे आदि को काटने वालों पर केस क्यों दर्ज नहीं किया जाता।

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पशु प्रेमी को इस ओर भी दें ध्यान

चूहे की हत्या में फंसे मनोज ने कहा कि चूहों से उन्हें कितना नुकसान हुआ यह वही जानते हैं, लेकिन मुर्गा बकरा तो किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे, फिर उन्हें क्यों काटा जा रहा है। पशु प्रेमी को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए, उन्हें इन पशुओं की भी हत्या बंद करानी चाहिए।

चूहे को नाले में डुबो कर मार डाला

पनवड़िया मुहल्ले में मनोज का घर उसी नाले के पास है, जिस नाले में उन्होंने चूहे को डुबो कर मार दिया था। वह कहते हैं नाले के पास घर होने के चलते चूहे उनके और आसपास के घरों में घुसे ही रहते हैं। पूरे मुहल्ले के लोग चूहा पकड़ कर लाते हैं और नाले के पास छोड़ जाते हैं। किसी से मना करो तो विवाद खड़ा हो जाता है।

चूहे करते हैं काफी नुकसान

मनोज बताते हैं कि वह अपने माता पिता, पत्नी और तीन बेटियों के साथ रहते हैं। मिट्टी के बर्तन का काम करते हैं। जरा सा ध्यान भटक जाए तो चूहे उनके बनाए हुए मिट्टी के बर्तन तोड़ जाते हैं। बताते हैं कि एक बार बनाया हुआ बर्तन जरा सा सूख जाए तो वह मिट्टी किसी काम नहीं आती।

मनोज ने सुनाई दर्द भरी कहानी

मनोज ने चूहाें से जुड़ी एक दर्द भरी कहानी भी बयां की। बताया कि उनकी सबसे छोटी बेटी जब गोद में थी। उस समय एक चूहा उसके हाथ की खाल नोंच ले गया था। बेटी बोल भी नहीं पाती थी, जब वह रोई तब वह लोग पहुंचे तो चूहा भाग गया। उस समय उसके इलाज में काफी रुपये खर्च हुआ था। उस समय तो कोई पशु प्रेमी नहीं आया था। उन्होंने पशु प्रेमी विकेंद्र को लेकर कहाकि वह सच्चे पशु प्रेमी हैं तो देश भर में कट रहे मुर्गे, बकरों को बचाएं। बोले- मैं अपने किए पर माफी मांग रहा हूं।

यह है पूरा मामला

24 नवंबर को मनोज ने एक चूहे की पूंछ में पत्थर बांधकर उसको नाले में फेंक दिया था। ये घटना एक पशु प्रेमी विकेंद्र ने देख ली थी। विक्रेंद्र ने चूहे को बाहर भी निकाला और मनोज के खिलाफ शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने मनोज को थाने बुलाया और फिर उसको छोड़ दिया था। बरेली में चूहे का पोस्टमार्टम भी करवाया। फिर मनोज के खिलाफ पशु क्रूरता का केस 28 नवंबर को दर्ज हुआ है।


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