मौलाना तौकीर रजा की खुल गई एक और 'फाइल', 28 साल पहले की गई इस गलती का अब होगा हिसाब बराबर
बरेली में उपद्रव के आरोपी मौलाना तौकीर रजा सहकारी समिति के भी कर्जदार निकले। उन्होंने उर्वरक के लिए 5055 रुपये का ऋण लिया था जो 28 वर्षों से बकाया है। राजनीतिक प्रभाव के कारण नोटिसों को अनदेखा करते रहे। अब कानूनी कार्रवाई के डर से बैंक ने फाइल दोबारा खोली है जिसमें ब्याज समेत 40555 रुपये बकाया है।

जागरण संवाददाता, बदायूं। बरेली में उपद्रव का आरोपित मौलाना तौकीर रजा साधन सहकारी समिति का कर्जदार भी निकला। उसने उर्वरक के लिए 5055 रुपये का ऋण लिया मगर, वापस नहीं किया। 28 वर्ष में उसके पास कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन राजनीतिक हनक में अनदेखी करता रहा। अब कानूनी शिकंसा कसा गया तो जिला सहकारी बैंक (समिति की मुख्य आर्थिक संस्था) ने भी पुराना हिसाब-किताब बराबर करने की तैयारी कर ली। बुधवार को बैंक ने उसकी फाइल दोबारा खोल दी। उस पर ब्याज समेत 40,555 रुपये बकाया बना है। बैंक के डिफॉल्टर तौकीर की आरसी जारी की जा सकती है।
मौलाना तौकीर रजा मूलरूप से बदायूं के करतौली गांव का निवासी है। जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों के अनुसार तौकीर ने वर्ष 1989 में बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति रसूलपुर से कर्ज लिया था। उसने खेतों में उर्वरक डालने के लिए कर्ज लिए था। समिति के रिकॉर्ड के अनुसार कर्ज लेने के बाद तौकीर ने पलटकर नहीं देखा। कुछ समय उपरांत बदायूं की अधिकतर संपत्तियां बेचकर बरेली के बिहारीपुर में घर बना लिया।
18 वर्ष पहले तौकीर ने राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (संगठन) बनाई। वर्ष 2012 में बरेली जिले में उसकी पार्टी से एक विधायक की जीत हुई थी। रुहेलखंड में भी उसकी राजनीतिक हनक बढ़ती गई। इस कारण समिति बकाया के दृष्टिगत कार्रवाई से बचती नजर आई।
जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन जेके सक्सेना ने बताया कि सभी समितियां सहकारी बैंक के अधीन कार्य करती हैं। उनका पुराना रिकॉर्ड बैंक में जमा करा लिया जाता है। तौकीर ने कर्ज लेकर अदा नहीं किया। समिति की ओर से उसे जून 2021 में अंतिम बार नोटिस भेजा गया था। टीम उसके पैतृक गांव गई परंतु, वहां कोई नहीं मिला।
26 सितंबर को बरेली में उपद्रव के आरोप में तौकीर को गिरफ्तार कर फतेहगढ़ जेल भेजा गया। तीन थानों में 10 मुकदमे दर्ज किए गए। इसके बाद समिति को भी अपना बकाया याद आया। चेयरमैन ने बताया कि तौकीर से रिकवरी की विधिक प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। उसकी फाइल दोबारा खुलवाकर ब्योरा मांगा है। कर्ज अदा नहीं करने पर कुर्की की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।
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