Badaun News: मनरेगा घोटाला की फाइल सीडीओ ने की तलब, घोटालेबाजों की थमी सांसे, होगी सख्त कार्रवाई
बदायूं में मनरेगा घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। दैनिक जागरण की पड़ताल में घोटाला उजागर होने के बाद अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। ग्राम प्रधान सचिव और तकनीकी सहायक पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है वहीं घोटालेबाज नेताओं के चक्कर काट रहे हैं। सीडीओ ने फाइल तलब की है जिससे कर्मचारियों में हड़कंप है।
अंकित गुप्ता, बदायूं। जिले में चल रहे मनरेगा के फर्जीवाड़े और घोटालों पर सही चोट तभी होगी, जब इसके जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। दैनिक जागरण को जब इसकी जानकारी मिली तो सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए इसकी पड़ताल कराई गई।
कई बार अलग अलग मामलों को पकड़ कर फर्जीवाड़ा उजागर किया। लेकिन हर बार मामूली कार्रवाई कर जिम्मेदारों को बचा लिया गया। लेकिन इस बार जो घोटाला दैनिक जागरण ने प्रकाशित किया, उसकी काट जिम्मेदार नहीं ढूंढ पाए। अधिकारियों की जांच में घोटाला सही साबित हुआ।
प्राथमिक तौर पर कार्रवाई कर मेठ काे बर्खास्त कर दिया गया, लेकिन असल जिम्मेदार सचिव, प्रधान और तकनीकि सहायक पर सिर्फ रिकवरी की तलवार लटकी। जबकि भुगतान में मुख्य भूमिका उन्हीं की थी। अब सोमवार को सीडीओ ने भुगतान और घोटाले से संबंधित पूरी फाइल तलब की है।
इसके बाद से घोटालेबाजों ने नेताओं की शरण ली और अधिकारियों पर दवाब बनवाना शुरू कर दिया है। अब परीक्षा उन अधिकारियों की है, जिन्हें जीरो टालरेंस वाली सरकार ने समाज और हकदारों को हक दिलाने के लिए कुर्सी पर बैठाया हुआ है।
जागरण की पड़ताल में ब्लाक म्याऊं क्षेत्र की ग्राम पंचायत अलापुर पट्टी भोला भज्जू में हुए मनरेगा घोटाला साबित होने के चार दिन बाद भी अभी तक किसी पर कोई विभागीय कार्यवाही नहीं हुई है। डीसी मनरेगा प्रभारी अखिलेश कुमार चौबे ने हुए घोटाले की बारीकी से जांच कर ग्राम प्रधान, सचिव व तकनीकी सहायक को दोषी मानते हुए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी थी।
इसी प्रकरण सम्बंधित सभी दस्तावेजों की फाइल सोमवार को सीडीओ बदायूं केशव कुमार ने तलब कर ली है। मनरेगा में बिना काम कराए निकाले गए भुगतान में दोष सिद्ध होने के बाद महिला मेठ की सेवा समाप्ति कर दी थी, लेकिन विभागीय कार्यवाही न होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश बरकरार है।
कुछ ग्रामीण जनप्रतिनिधि से भी मिले और कार्रवाई की मांग की। वहीं घोटालेबाज अलापुर के भाजपा नेता से भी मिले। इसके बाद शाम करीब सात बजे विकास भवन पहुंचे। अधिकारियों से मुलाकात की। इधर सीडीओ बदायूं केशव कुमार ने मामले की फाइल तलब की है।
सीडीओ ने तत्काल डीसी मनरेगा प्रभारी अखिलेश कुमार चौबे से फाइल देने के निर्देश दिए है। जिसके बाद ब्लाक म्याऊं के मनरेगा कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। नियमानुसार मनरेगा योजना में यदि कोई भुगतान होने के बाद घोटाला जांच में भी सिद्ध हो जाता है तो संबंधित दोषियों पर निलंबन व संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति व प्रधान की पवार सीज का शासनादेश हैं।
साथ ही अगर गंभीरता से मामले को लिया जाए तो इसके साथ एफआईआर तक के होती है। फिलहाल देखना है कि अब सीडीओ व जिलाधिकारी इस प्रकरण में क्या कार्रवाई करते हैं। जिससे जिला बदायूं में लगातार सामने आ रहे घोटाले रुक सकें।
इस घोटाले की फाइल मांगी है। बिना कार्य कराए भुगतान कैसे हुआ, इसका अवलोकन करेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-केशव कुमार, सीडीओ
जीरो टालरेंस की सरकार में घोटाले कैसे हो रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए और कार्रवाई भी। इस मामले में ब्लाक के कुछ गांव दूसरी विधानसभा में आते हैं। फिर भी अगर गड़बड़ी है तो सही जांच और कार्रवाई होनी चाहिए।
-राजीव कुमार सिंह, विधायक, दातागंज
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।