बदायूं हो गई सरकारी शादी, अब बैंड-बाजा संग दूल्हा करे घोड़े की सवारी
सरकार की ओर से आयोजित समारोह में शादी हो गई। मंत्रोच्चारण के बीच सात फेरे हुए मगर दूल्हा वहां से अकेला लौट गया। दुल्हन पक्ष ने यह कहते हुए विदा करने से इन्कार कर दिया कि बिना बैंड-बाजा बरात कैसी? दूल्हा घुड़चढ़ी करे। बरात लेकर दरवाजे आए इसके बाद ही दुल्हन की विदा की जाएगी।

सिलहरी (बदायूं), जेएनएन : सरकार की ओर से आयोजित समारोह में शादी हो गई। मंत्रोच्चारण के बीच सात फेरे हुए मगर, दूल्हा वहां से अकेला लौट गया। दुल्हन पक्ष ने यह कहते हुए विदा करने से इन्कार कर दिया कि बिना बैंड-बाजा बरात कैसी? दूल्हा घुड़चढ़ी करे। बरात लेकर दरवाजे आए, इसके बाद ही दुल्हन की विदा की जाएगी। अब दूल्हा पक्ष असमंजस में है कि अचानक नये सिरे से शादी की तैयारी कैसे करे।
शनिवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत कुंवरगांव में भी शादियां कराई गई थीं। इन्हें में एक गांव के युगल की भी शादी हुई। ग्रामीणों के अनुसार, शादी होने के बाद दुल्हन को विदा करने के बजाय स्वजन घर ले गए। रविवार को उन्होंने कह दिया कि सरकारी शादी अपनी जगह है। दुल्हन की विदा तभी की जाएगी, जब दरवाजे पर बरात आएगी। दूल्हा पक्ष के लोगों ने कहा कि शादी तो सरकारी कार्यक्रम में हो चुकी है, इसके बावजूद इस तरह की शर्त रखना उचित नहीं है। इस बात को अनसुना कर दो टूक कह दिया कि गांव में लोग शादी के साक्षी बनना चाहते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर भले हों मगर, उनकी इच्छा है कि दूल्हा घोड़ी पर सवार होकर दरवाजे तक आए। इस जिद के बाद दूल्हा पक्ष के लोगों ने यह कहकर मामला शांत किया कि जल्द ही तैयारी कर लेंगे। इसके बाद बरात लेकर आएंगे। हालांकि तारीख क्या होगी, यह अभी तक नहीं हुआ है। लेकिन, लड़की वालों की नई शर्त से सभी के सामने असमंजस की स्थिति हो गई है। अब सभी लोग फिर से तैयारियों में जुटने को लेकर फिक्रमंद हैं, जिससे दुल्हन को विदा करा सके।
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