खेत की मेड़ पर खड़े किसान को भैंसे ने पटक-पटककर मार डाला, गांववालों ने ऐसे किया काबू
बदायूं के रसूलपुर कलां गांव में एक दुखद घटना घटी। एक आवारा भैंसे ने खेत पर फसल की रखवाली कर रहे 57 वर्षीय किसान पुन्नी पर हमला कर दिया जिससे उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने भैंसे को स्कूल में बंद कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। किसान की मृत्यु से गांव में शोक की लहर है।

संवाद सूत्र, दहगवां । शनिवार रात रसूलपुर कला गांव में एक आवारा भैंसे ने किसान को पटक-पटककर मार डाला। किसान अपने खेत पर बाजरे की फसल की रखवाली करने गया था। उसी दौरान आवारा भैंस ने उन्हें घेर लिया और फिर उनके ऊपर हमला कर दिया। उनकी चीख पुकार सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने भैंसे को घेरकर स्कूल में बंद कर दिया। तब कहीं दूसरे लोगों की जान बच पाई। इसकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसान के शव का पोस्टमार्टम करा दिया है।
जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर कला निवासी 57 वर्षीय पुन्नी पुत्र बहोरी खेतीबाड़ी करते थे। इस समय उन्होंने अपने खेत में बाजरे की फसल बो रखी थी। अक्सर रात को छुट्टा पशु आ जाते थे और उनकी फसल को चर जाते थे। इसलिए गांव के अधिकतर लोग अपने-अपने खेतों पर जाकर फसल की रखवाली कर रहे हैं। शनिवार रात पुन्नी भी अपने खेत पर फसल की रखवाली करने गए थे।
मेड़ पर खड़े थे पुन्नी
बताया जा रहा है कि वह अपने खेत की मेड़ पर खड़े थे। उसी समय एक आवारा भैंसा आ गया और उनके ऊपर हमला कर दिया। उनको पटक-पटक कर मारना शुरू कर दिया। उनकी चीख पुकार सुनकर आसपास खेतों में फसल की रखवाली कर रहे किसान दौड़कर वहां आ गए। उन्होंने किसी तरह भैंसे को वहां से अलग किया और किसान को बचाया लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
आवारा भैंसा किसी और पर हमला न कर दे, जिससे ग्रामीण उसे घेर कर गांव में ले गए और स्कूल परिसर में बंद कर दिया। इधर जब किसान के स्वजन ने उनकी मृत्यु की खबर सुनी तो कोहराम मच गया। सभी लोग उनके शव को उठाकर गांव ले गए और पुलिस को इसकी सूचना दी, जिससे पुलिस भी रविवार सुबह गांव पहुंच गई और मामले की जानकारी करते हुए उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दोपहर में उनका पोस्टमार्टम करा दिया गया। इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार ने बताया कि सूचना पर किसान के शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया है।
चार बेटियों के पिता थे पुन्नी, किसी की नहीं कर पाए शादी
पुन्नी एक छोटे किसान थे। उनके चार बेटियां नीलम, पूनम, कंचन और नंदनी है। वह किसी की शादी तक नहीं कर पाए। इसको लेकर गांव वाले भी दुखी हैं और जिला प्रशासन पर आवारा पशुओं को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर छुट्टा पशुओं का उचित इंतजाम होता तो शायद किसान की जान नहीं जाती।
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