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    डासना जेल में बंद तीन ठगों ने रिटायर्ड फौजी को बनाया निशाना, CBI अफसर बन 12.30 लाख ठगे

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 06:22 PM (IST)

    बदायूं में रिटायर्ड फौजी को डिजिटल अरेस्ट करने वाले साइबर ठग अमेठी, मैनपुरी और बाराबंकी के हैं। ये ठग CBI अधिकारी बनकर फौजी से 12.30 लाख रुपये ठगे। सा ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बदायूं। जिले में रिटायर्ड फौजी को डिजिटल अरेस्ट करने वाले साइबर ठग तीन जनपदों के निकले। वह मूलरूप से अमेठी, मैनपुरी और बाराबंकी जिले के रहने वाले और इस समय आगरा व लखनऊ में रहकर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। उन्होंने सीबीआई अधिकारी बनकर रिटायर्ड फौजी को अपना शिकार बनाया था।

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    सीबीआई के नाम से रिटायर्ड फौजी काफी डर गए थे। उन्होंने पहले खाते की डिटेल मांगी थी और फौजी से 12.30 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे। बदायूं साइबर क्राइम पुलिस उन्हें ढूंढते हुए गाजियाबाद पहुंच गई। जहां वह तीनों डासना जेल में बंद निकले। अब पुलिस ने उन्हें तलब कराने की तैयारी शुरू कर दी है।

    बिनावर थाना क्षेत्र के गांव खुनक निवासी मनोज कुमार सिंह रिटायर्ड फौजी हैं और इस समय फौजी कैंटीन में कार्यरत हैं। 26 अगस्त की शाम करीब छह बजे उनके मोबाइल पर एक काल आई थी। काल करने वाले ने बताया था कि उनका आधार कार्ड एक मोबाइल नंबर पर लगा है, जिसका लगातार गलत इस्तेमाल हो रहा है। आप तत्काल अपनी शिकायत मुंबई पुलिस में दर्ज करा दें, जिससे आपकी तरफ से भी कार्रवाई हो जाएगी।

    उसने दो मोबाइल नंबर नोट कराए थे और कहा था कि वह तत्काल इन मोाबइल नंबरों पर संपर्क करें और अपनी शिकायत दर्ज कराएं। जब उन्होंने मोबाइल नंबर पर काल की तो एक ने कोलाबा पुलिस स्टेशन में तैनात सब इंस्पेक्टर और दूसरे ने खुद को सीबीआई का अधिकारी राजेश मिश्रा बताया। उसने ये भी कहा कि उनके खिलाफ मनी लान्ड्रिंग और फ्राड इन्वेस्टमेंट का केस दर्ज हुआ है। आपकी आईडी पर एटीएम कार्ड भी जारी है जो केनरा बैंक का है।

    इसका बहाना बनाकर उन्होंने रिटायर्ड फौजी से 12.30 लाख रुपये ठग लिए थे। रिटायर्ड फौजी ने जो मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए थे। उसके आधार पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मामले की छानबीन की। इस दौरान पता चला कि रिटायर्ड फौजी तो तीन साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया था।

    उनमें एक तुषार मिश्रा पुत्र राजीव मिश्रा मूल निवासी भातरा चौराहा कोतवाली मैनपुरी और हाल निवासी आवास विकास कालोनी जगदीशपुरा आगरा, दूसरा शिवा जायसवाल पुत्र रामकुमार जायसवाल मूल निवासी ग्राम महाराजपुर अमेठी और हाल निवासी स्नेह नगर आलमबाग लखनऊ और तीसरे ने आशीष कनौजिया पुत्र चंद्रशेखर मूल निवासी ग्राम गोरी थाना हैदरगढ़ जिला बाराबंकी हाल निवासी प्रेम नगर आलमबाग लखनऊ पता चला। पुलिस इन्हें ढूंढते हुए गाजियाबाद पहुंची, पता चला कि तीनों साइबर ठग गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं। अब पुलिस ने उन्हें तलब कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

    ऐसे किया था डिजीटल अरेस्ट

    साइबर ठगों ने कहा था कि आपने धोखाधड़ी की है। इससे तत्काल आपका अरेस्ट वारंट जारी किया जाता है। जब तक इस मामले की जांच चलेगी तब तक आप अपने घर से बाहर नहीं निकालेंगे और इसकी गोपनीय गोपनीयता बनाए रखेंगे।

    हालांकि अभी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा लेकिन 27 अगस्त की दोपहर तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाता है और तब तक उन्हें अपने घर में रहना होगा। इससे रिटायर्ड फौजी काफी डर गए उन्होंने उनके खाते का विवरण मांगा तो फौजी ने अपने खाते का विवरण दे दिया। उसमें 11.50 लाख पड़े थे।

    तीसरे दिन यानी 28 अगस्त को उन्होंने अपने खाते में 10 लाख रुपये जमा करा लिए। उन्हें बताया कि यह रुपये आपके हैं और जांच के बाद वापस कर दिए जाएंगे। 30 अगस्त को उन्होंने 2.30 लाख रुपये और जमा कराए। एक सितंबर को उन्होंने दूसरा खाता दिया और उसमें चार लाख रुपये जमा करने को कहा लेकिन उनके पास और रुपये नहीं थे, जिससे वह जमा नहीं कर पाए।

    ऐसे हुआ था शक

    साइबर ठगों ने उन्हें अपना शिकार बनाने का जो प्लान बनाया था। उसमें वह काफी हद तक सफल हो गए और इसके तहत 12.30 लाख रुपये भी ट्रांसफर करा लिए थे लेकिन वह लगातार और रुपये जमा करने का दबाव बना रहे थे।

    चूंकि मनोज कुमार सिंह रिटायर्ड फौजी थे और नियमों के पाबंद थे, इसलिए वह आसानी से ठगी का शिकार हो गए लेकिन जब वह लगातार रुपयों की मांग कर रहे थे। तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ और थाने जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई।

    रिटायर्ड फौजी को तीन साइबर ठगों ने डिजीटल अरेस्ट किया था। उनमें एक अमेठी, एक मैनपुरी और एक बाराबंकी का रहने वाला है। इस समय तीनों गाजियाबाद की डासना जेल में हैं। उन्हें तलब कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जल्द ही उन्हें तलब करवाकर कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।- विनोद कुमार बर्धन, इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाना बदायूं