गाड़ी धीमी करो! बदायूं की सड़कों पर 'यमराज' बनी तेज रफ्तार, 111 ब्लैक स्पॉट चिन्हित
बदायूं में सड़क हादसों की मुख्य वजह तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है। सेव लाइफ फाउंडेशन की इलेक्ट्रॉनिक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, बदायूं जिल ...और पढ़ें
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सर्वे करते सेव लाइफ फाउंडेशन के सदस्य
उमेश राठौर, जागरण, बदायूं। ये कहना गलत नहीं होगा कि बदायूं में यातायात नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है और वाहनों के रफ्तार भी काफी ज्यादा है। यही वजह है कि जिले में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं और लगातार लोगों की जान भी जा रही है। इसीलिए बदायूं जिला सड़क हादसों के मामलों में प्रदेश में 11 वें नंबर पर है।
ये सबसे बड़ी चिंता का विषय है कि इसलिए प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार भी सड़क हादसों को लेकर काम कर रही है और इस पर सेव लाइफ फाउंडेशन ने भी एक रिपोर्ट तैयार की है। उसके हिसाब से बदायूं जिले में सबसे ज्यादा सड़क हादसे यातायात नियमों के उल्लंघन, तेज रफ्तार और शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से हो रहे हैं।
जिले में अब वाहन चलाने के दौरान और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। पिछले कुछ साल के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो लगातार खतरनाक स्थिति सामने आ रही है। जिले में सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है और यहां मरने वालों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
इसको लेकर हर साल जिले में ब्लैक स्पाट चिन्हित कराए जाते हैं और उन पर लगातार काम भी होता है लेकिन इसके बावजूद सड़क हादसे कम नहीं हो रहे और मरने वालों की तादात भी बढ़ती जा रही है। यह सबसे बड़ी चिंता का विषय है। इसको लेकर प्रदेश स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर भी समीक्षा की गई।
उत्तर प्रदेश में 18 जिले ऐसे पाए गए जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं। उनमें बदायूं जनपद 11 वें स्थान पर है। यह काफी गंभीर स्थिति है। इसको लेकर वाहन चालकों को और भी सावधान रहने की जरूरत है और उन्हें वाहन चलाते समय खास ध्यान रखना पड़ेगा। पिछले कुछ समय से सेव लाइफ फाउंडेशन जिले की यातायात व्यवस्था, परिवहन व्यवस्था और सड़क हादसों को लेकर काम कर रही थी।
उसकी रिपोर्ट में भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। हैरानी की बात यह है कि बदायूं जिले में अधिकतर सड़क हादसे रात के समय हुए हैं और उनमें मरने वालों की संख्या भी काफी ज्यादा है। कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं। इससे उन्हें अलग से चिन्हित करा दिया गया है और वहां जीरो फैकल्टी टीम भी लगा दी गई है। इस टीम के माध्यम से लगातार समीक्षा भी कराई जा रही है।
सेव लाइफ फाउंडेशन की रिपोर्ट में सबसे महत्वपूर्ण बात यह निकलकर सामने आई है कि यहां सभी वाहनों की रफ्तार काफी तेज है। बड़े वाहन छोटे वाहनों पर ध्यान नहीं देते, यातायात नियमों का उल्लंघन भी करते हैं, जिसकी वजह से सबसे ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं। यहां जिले में करीब 111 ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पिछले छह माह में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं। इससे वाहन चालकों को भी सचेत रहने की जरूरत है।
जांच रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य
- - औसत वार्षिक मृत्यु दर ( वर्ष 2023 और वर्ष 2024) में 340
- - जिले में होने वाली मौतों में से 27.54 प्रतिशत मौतें चार प्रमुख सड़कों पर हुई हैं
- - कारिडोर में होने वाली 47 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार 111 महत्वपूर्ण स्थान हैं
- - सात महत्वपूर्ण स्थानों पर गंभीर उल्लंघन के कारण होने वाले मौतों में तीन प्रतिशत की कमी आई है
- - आमने-सामने की टक्कर, पैदल यात्री दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 72 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं
- - तेज गति से गाड़ी चलाना और टेढ़ी-मेढ़ी दिशा में गाड़ी चलाना जिले में होने वाली मौतों में से 12 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं
- - जिले में हुई मौताें में से 77 प्रतिशत मौतें 11 थानों में दर्ज की गई हैं
- - एक ऐसा स्थान मिला है जहां एंबुलेंस पहुंचने का समय 60 मिनट से अधिक है
होने वाले हादसों की वजह
- सिविल लाइंस- खतरनाक तरीके से ओवरटेकिंग करना, टेढ़ी मेढ़ी दिशा में गाड़ी चलाना और तेज रफ्तार गति में गाड़ी दौड़ना
- बिल्सी- शराब पीकर गाड़ी चलाना, तेज गति से गाड़ी चलाना
- बिसौली- टेढ़ी मेढ़ी ड्राइविंग, तेज गति से गाड़ी चलाना और लापरवाही से गाड़ी चलाना
- उझानी- खतरनाक तरीके से ओवरटेकिंग करना, तेज गति से गाड़ी चलाना और गलत दिशा में गाड़ी चलाना
- दातागंज- तेज गति में चलाना और लापरवाही से गाड़ी चलाना
- सहसवान- तेज गति से गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, ओवरलोडिंग, तेज रफ्तार
- फैजगंज बेहटा- तेज गति से गाड़ी चलाना, खतरनाक तरीके से ओवरटेक करना, ओवरलोडिंग
- इस्लामनगर- तेज गति, खतरनाक तरीके से ड्राइविंग, ओवरटेकिंग और टेढ़ी मेढ़ी ड्राइविंग करना
- कादरचौक- तेज गति से गाड़ी चलाना, लापरवाही से गाड़ी चलाना, खतरनाक तरीके से ओवरटेक करना
जिले में सड़क हादसों को रोकने के लिए लगातार काम चल रहा है। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है और ब्लैक स्पाट पर भी काम कराया जा रहा है। सेव लाइफ फाउंडेशन ने अलग से अपनी एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें 2023 और 2024 के आंकड़ों के अनुसार कहां किस समय सबसे ज्यादा हादसे हुए और किस वजह से हुए, यह सब दिया है। फाउंडेशन ने जो सुझाव दिया है उस पर भी काम कराया जा रहा है।
- अंबरीश कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन
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