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    हो जाएं सावधान... यूपी के इस रूट पर सर्दियों में और खतरनाक हो जाएंगे ब्लैक स्पॉट

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 10:57 PM (IST)

    बदायूं जिले में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल कई लोग मरते हैं, खासकर ब्लैक स्पॉट पर। ज्यादातर लोग यातायात नियमों का पालन नहीं करते, हेलमेट नहीं पहनते और तेज गति से गाड़ी चलाते हैं। जागरूकता अभियान भी ज्यादा सफल नहीं हो रहे हैं। सर्दियों में कोहरे के कारण खतरा और बढ़ जाता है। जिला प्रशासन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन वाहन चालकों को भी सावधानी बरतनी होगी।

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    जागरण संवाददाता, बदायूं। हर साल जिले की सड़कों पर हादसों में सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो जाती है और सैंकड़ों लोग घायल हो जाते हैं। ज्यादातर हादसे ऐसे स्थानों पर हो रहे हैं, जो पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जांच में ब्लैक स्पाट घोषित किए गए हैं।

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    प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा वहां सुधार कराने का दावा भी किया जाता है। इसके बावजूद जिले में सड़क हादसों की संख्या कम नहीं हो रही। लगातार ब्लैक स्पाट पर लोगों की जान जा रही है। अब सर्दियों का मौसम भी आ चुका है। अब लोगों को और ज्यादा सावधानी से चलने की जरूरत है।

    क्योंकि इन सर्दियों के मौसम में अक्सर ब्लैक स्पाट और ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। इससे पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी लगातार सड़क सुरक्षा के तहत काम कर रहे हैं और सड़क हादसे रोकने की कोशिश में लगे हैं।

    पर है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि यहां के अधिकतर वाहन चालक यातायात नियमों का पालन नहीं करते। लगभग 80 प्रतिशत बाइक सवार हेलमेट नहीं लगाते और कम से कम 50 प्रतिशत लोग सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करते। यहां सबसे ज्यादा तेज रफ्तार की वजह से हादसे होते हैं और उन हादसों में सबसे ज्यादा हेलमेट न लगाने वालों की मृत्यु होती है।

    यहां हर साल अभियान चलाए जाते हैं और लोगों को जागरूक किया जाता है। पिछले दिनों नो हेलमेट नो पेट्रोल अभियान भी चलाया गया था। इसकी शुरुआत से पहले दावा किया गया था कि इस अभियान को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा लेकिन पूरा माह ऐसा ही निकल गया।

    शुरूआती दौर में जरूर दो-चार दिन लोगों को जागरूक किया गया लेकिन उसके बाद सब अभियान टायं टायं फिस्स हो गया। यह कोई पहला अभियान नहीं हैं। ऐसे न जाने कितने अभियान चले और खत्म हो गए। कागजों में सब कुछ दौड़ता रहा। इसी वजह से कभी जिले की हालत नहीं सुधर पाई। आज भी जिले में लगातार हादसे हो रहे हैं। पिछले दो माह से अब तक करीब 25 लोगों की जान जा चुकी है।

    इन सर्दियों के मौसम में अब आने वाला समय और ज्यादा मुश्किलों भरा होगा। रात को कोहरे में वाहन चालकों का निकलना दूभर हो जाएगा। उस दौरान तेज रफ्तार वाहन और ज्यादा हादसों की वजह बनेंगे और खासकर ब्लैक स्पाट पर विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी।

    अगर लोग अभी से जागरूक नहीं हुए तो ब्लैक स्पाट से निकलना भी मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि ऐसे मौसम में ब्लैक स्पाट पर सड़क हादसों की संभावना और बढ़ जाएगी। हालांकि जिला प्रशासन ऐसे हादसों को रोकने के तमाम प्रयास कर रहा है। इसको लेकर गन्ना लदी ट्रालियों के पीछे लाल कपड़े, रिफ्लेक्टर आदि भी लगाने की तैयारी चल रही है। इसके अलावा ब्लैक स्पाट पर सुधार करने का प्रयास चल रहा है।

    अभी तक वाहनों पर नहीं लगवाए गए रिफ्लेक्टर

    सड़क पर चलने वाले वाहन धड़ल्ले से बिना रिफ्लेक्टर के दौड़ रहे हैं। जो किसी खतरे से कम नहीं हैं। इस बार अभी तक परिवहन विभाग, यातायात पुलिस की ओर से भी रिफ्लेक्टर नहीं लगवाए गए हैं। इससे सर्दियों में और ज्यादा मुश्किल हो सकती है।

    कोहरे में दिखाई नहीं देंगे सामने वाले वाहन

    सर्दियों में ज्यादातर हादसे कोहरे व धुंध की वजह से होते हैं। लाइट वाले दिशा सूचकों और वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर न होने की वजह हादसे हो जाते हैं, जिसकी वजह से चालकों को उसका परिणाम भुगतना पड़ता है। कोहरे में बिना रिफ्लेक्टर के वाहन नजर नहीं आते। इससे हादसों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

    सड़क हादसों को लेकर लगातार प्रयास चल रहा है और इस पर काम कराया जा रहा है। इसके लिए जिले के ब्लैक स्पाट का सर्वे भी कराया जा रहा है, जिससे हादसों में कमी लाई जा सके। सर्दियों में वाहन चालकों को भी सावधानी बरतनी होगी। वह तेज रफ्तार में वाहन न चलाएं। हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग जरूर करें।

    - अंबरीश कुमार, एआरटीओ