लोकसभा चुनाव से पहले सपा को झटका, सलीम शेरवानी के करीबी ने थामा भाजपा का दामन; शिवपाल यादव की बढ़ी टेंशन!
Lok Sabha Election 2024 पूर्व केंद्रीय मंत्री और सपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी को अपना राजनीतिक गुरू मानने वाले उनके करीबी योगेंद्र सिंह तोमर भाजपा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने रविवार को भाजपा का पटका पहना कर सदस्यता ग्रहण कराई। योगेंद्र सिंह तोमर ने शेरवानी के साथ ही सपा के राष्ट्रीय सचिव पद से इस्तीफा दिया था।
जागरण संवाददाता, बदायूं। (Lok Sabha Election 2024) पूर्व केंद्रीय मंत्री और सपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी को अपना राजनीतिक गुरू मानने वाले उनके करीबी योगेंद्र सिंह तोमर भाजपा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने रविवार को भाजपा का पटका पहना कर सदस्यता ग्रहण कराई।
योगेंद्र सिंह तोमर ने शेरवानी के साथ ही सपा के राष्ट्रीय सचिव पद से इस्तीफा दिया था। वह सहसवान, गुन्नौर में सक्रिय राजनीति करते हैं। वह इन दोनों विधानसभा क्षेत्र में सपा को टेंशन देंगे। राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि बिना सलीम इकबाल शेरवानी का इशारा मिले योगेंद्र ने यह कदम नहीं उठाया होगा। इसके कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे है।
महापंचायत के बाद से जिले में सक्रिय नहीं है सलीम इकबाल
सपा का टिकट होने के बाद जिले में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी, सपा के राष्ट्रीय सचिव आबिद रजा और राष्ट्रीय महासचिव योगेंद्र सिंह तोमर ने सहसवान विधानसभा क्षेत्र में एक सेक्युलर महापंचायत की थी। जिसमें सहसवान और गुन्नौर क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में योगेंद्र के साथ आए थे। इस महापंचायत के बाद से ही सलीम इकबाल शेरवानी जिले में सक्रिय नहीं है।
उन्होंने अब तक अपने पत्ते भी नहीं खोले हैं। जबकि सपा प्रत्याशी शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) सभी रूठे नेताओं को मनाने में लगे हैं। वह आबिद रजा को मनाने में तो सफल हो गए। लेकिन सलीम इकबाल शेरवानी से अब तक उनकी मुलाकात नहीं हो सकी।
ईद बाद सलीम शेरवाली लेंगे निर्णय
फोन पर जब शिवपाल सिंह यादव ने उनसे बात की थी तो उन्होंने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया था। खुद को रमजान में व्यस्त बताकर ईद बाद निर्णय लेने की बात कही थी। इन सबके बीच रविवार को जब शेरवानी के सबसे करीबी योगेंद्र सिंह तोमर जब केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते हैं तो कयास लगाए जाने लगे कि इसके पीछे शेरवानी का भी आर्शीवाद है।
योगेंद्र सिंह तोमर सहसवान में स्वजातीय लोगों के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं तो गुन्नौर में वह व्यापार और राजनीति करते हैं। अब तक सपा गुन्नौर और सहसवान से खुद की बढ़त मानकर चुनाव लड़ रही है, ऐसे में यह झटका सपा को आने वाले दिनों में टेंशन दे सकता है। इधर योगेंद्र सिंह तोमर के पार्टी में शामिल होने को भाजपाई अपनी मजबूती बता रहे हैं। अंदरखाने और भी कई बातें चल रहीं है, लेकिन अब तक वह सिर्फ कयास ही हैं।
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