Smart Meter: कहीं आपका बिजली बिल भी तो नहीं आ रहा कम या ज्यादा? यूपी में घर-घर जाकर स्मार्ट मीटर चेक कर रहे अधिकारी
बदायूं में बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं लेकिन उपभोक्ताओं को अधिक बिल आने की शिकायत है। अधिकारी घर-घर जाकर मीटर चेक कर रहे हैं और उन्हें सही बता रहे हैं पर उपभोक्ता सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि पुराने मीटर सही थे। बिजली विभाग का कहना है कि मीटर सही रीडिंग दे रहे हैं और उपभोक्ताओं को सहयोग करने की अपील की है।
जागरण संवाददाता, बदायूं। बिजली चोरी रोकने के लिए शहर में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, अधिकांश उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगा चुके हैं, लेकिन ज्यादातर की शिकायत अधिक बिल आने की हो रही है। उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से किसी तरह की शिकायत ना हो, इसके लिए अधिकारी स्वयं उनके घरों पर दस्तक देकर स्मार्ट मीटर चेक कर रहे हैं और ओके की मोहर लगा रहे हैं। हालांकि, अधिकारियों द्वारा यह दावा किया गया है कि जितने भी स्मार्ट मीटर चेक किए गए हैं, वह सही मिले हैं।
बिजली की चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है। इस बात की शिकायत भी शासन स्तर तक है। बिजली चोरी में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत मानी जाती रही है। रीडिंग करने वाले कर्मचारी बड़ा खेल करते रहे हैं। इस बात की भी उच्चाधिकारियों तक शिकायत होती रही है।
बिजली चोरी रोकने के लिए ही शासन ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को सभी स्थानों पर स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दिए। इसके क्रम में पिछले वर्ष से शहरी क्षेत्र में घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ताओं के यहां पर स्मार्ट मीटर एक अभियान के तहत लगाए गए हैं। हालांकि, शहर में अभी भी बहुत से उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर नहीं लग पाए हैं, लेकिन दावा किया जा रहा है कि ज्यादातर के स्मार्ट मीटर लगा चुके हैं, जिन उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर लगे हैं। उनमें बहुत से उपभोक्ताओं की भी यह शिकायत है कि उनके स्मार्ट मीटर तेजी से चल रहे हैं।
इसकी वजह से उनके बिल अधिक आ रहा है। इस बात को लेकर सामान्य उपभोक्ता भी काफी परेशान हैं और इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों तक भी पहुंच चुकी है। उन्होंने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर स्मार्ट मीटर के संबंध में जानकारी ली थी और विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिए थे कि उपभोक्ताओं की शिकायतों को गंभीरता से देखते हुए उनका निराकरण कराया जाए। स्मार्ट मीटर तेजी से चलने की बातों को विभागीय अधिकारियों ने भी गंभीरता से दिया और स्वयं उनके द्वारा उपभोक्ताओं के घर-घर पहुंचकर स्मार्ट मीटर को चेक किए जा रहे हैं।
यह बात अलग है कि अधिकारियों ने जितने भी स्मार्ट मीटर चेक किए हैं वह सही पाए गए हैं, लेकिन बहुत से उपभोक्ता उनकी बात से सहमत नहीं हैं। उनका स्पष्ट तौर पर कहना रहा है कि पूर्व में लगे मीटर सही रीडिंग दे रहे थे जबकि स्मार्ट मीटर तेजी से दौड़ रहे हैं, जिसकी वजह से उनका हर माह अधिक बिल आ रहा है। अधिकारियों द्वारा ऐसे उपभोक्ताओं को बताया गया है कि स्मार्ट मीटर वही रीडिंग दे रहे हैं, जो आ रही है और जितनी बिजली उपभोक्ता द्वारा प्रयोग की जा रही है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है। अधिकारियों द्वारा ही उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर सही होने की रिपोर्ट दी जा रही है।
एक्सईएन प्रथम ने बताया कि अधिकारियों की टीम अपने-अपने सर्किल क्षेत्र में पहुंचकर इस कार्यों को कर रही हैं। प्रयास है कि किसी भी उपभोक्ताओं को कोई समस्या ना रहे। अधिकारियों ने भी उपभोक्ताओं से आवाहन किया है कि वह इस कार्य में विभाग का सहयोग करें।
मीटर रीड़रों पर उठ रहीं अंगुलियां
बिजली उपभोक्ताओं के घरों पर पहुंचकर रीडिंग करने वाले कर्मचारियों की भूमिका पर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं। कर्मचारी आर्थिक समझौते के चलते मीटर में मौजूद रीडिंग को कम दर्शाकर बल देते हैं। जब सही रीडिंग आती है, तब उपभोक्ता का बिल अधिक होता है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में तो मीटर रीडर पहुंच ही नहीं रहे हैं और न ही उपभोक्ताओं के बिल पहुंच रहे हैं।
शहर में जिन उपभाेक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्हें चेक कराया जा रहा है। हालांकि अब तक जो भी स्मार्ट मीटर चेक हुए हैं। वह सही पाए गए हैं। अगर कहीं शिकायत आती है तो उसकी जांच कराई जाएगी।- संजीव कुमार, एक्सईएन प्रथम विद्युत निगम
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