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    बदायूं में मेंथा प्लांट में भीषण आग! 465 बार रीलोड हुए टेंडर, जानिए कैसे काबू पाई गई तबाही?

    Updated: Sun, 25 May 2025 04:23 PM (IST)

    बदायूं के उझानी में मेंथा प्लांट में 21 मई को लगी भीषण आग को बुझाने के लिए फोम का इस्तेमाल किया गया। बरेली और मुरादाबाद से फोम के टैंकर मंगाए गए थे। पानी में फोम मिलाकर छिड़काव करने से आग को फैलने से रोका गया। तेज आंधी के कारण चिमनी गिरने से आग लगी थी जिससे परिसर में रखे तेल के ड्रम और रसायन में भी आग लग गई।

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    फोम बना मेंथा प्लांट की आग बुझाने में मददगार, छह टेंडर हुए खर्च।

    जागारण संवाददाता, बदायूं। 21 मई की रात उझानी के मेंथा प्लांट में लगी भीषण आग में भले की चार जिलों के 100 दमकल कर्मी और 11 टेंडर लगाए थे। लेकिन प्लांट की भीषण आग को और ज्यादा फैलने से रोकने के लिए फोम(तरल पदार्थ) इस्तेमाल करना ही कारगार साबित हुआ था।

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    बरेली और मुरादाबाद जिले से दो-दो टेंडर फोम के मांगाये थे। जबकि दो टेंडर जिला मुख्यालय से आए थे। इन टेंडरों में भरे फोम को अन्य टेंडरों के भरे पानी में मिलाया गया था। इसके छिड़काव से आगे प्लांट के चारों ओर नहीं फैल सकी थी। दमकल विभाग के आंकड़ों के हिसाब से भीषण आग बुझाने में 11 टेंडर कुल 465 बार रीलोड किए थे।

    21 मई की रात उझानी के कुढ़ा नरसिंहपुर के मेंथा प्लांट में तेज आंधी के दौरान चिमनी के बायलर पर गिरने से भीषण आग लग गई थी। तीनों बायलरों प्लांट के बीचोंबीच लगे थे। इसके अलावा बायलरों में मेंथा तेल था। इसके साथ ही आस पास परिसर में मेंथा तेल के भारी मात्रा में ड्रम, कैमिकल और लकड़ी रखी थी। इससे चिमनी की आग देखते ही पूरे परिसर में फैल गई थी। प्लांट में उस दौरान 200 से अधिक मजदूर व कर्मचारी मौजूद थे।लेकिन चिमनी और

    उसका ढांचा गिरते ही मजदूरों ने प्लांट से भागकर जान बचा ली थी। इस दौरान आग की लपटों के कारण बायलर और तेल के ड्रम तेज धमाके के साथ फटने लगे थे। इससे चारों ओर आग की लपटें पहुंचने लगी थी। हालांकि सूचना मिलते ही जिला मुख्यालय की सभी फायर टेंडर मौके पर पहुंच गए थे। इनमें पहले दो टेंडर फोम के भरे थे। इसके अलावा मुरादाबाद, बरेली, संभल और कासगंज से भी सात टेंडर पहुंच थे।

    इनमें बरेली और मुरादाबाद से दो-दो फोम के टेंडर आए थे। दमकल कर्मी बताते है, जिस तरह से तेल के चलते प्लांट के चारों ओर फैल रहीं थी। उस रोकने के लिए पानी के टेंडरों में फोम मिलाया गया था। पानी मेें फोम के मिश्रण से आग पर लेयर बन जाती है। इससे आग ठंडी होने के साथ ही आगे तक नहीं फैलती है। फोम की वजह से ही प्लांट की भीषण आग को काबू जा सका था। वरना आग प्लांट के बाहर भी फैल सकती थी।

    एसएसपी ने सीएफओ को दिए जांच के निर्देश

    मेंथा प्लांट में लगी भीषण की मुख्य वजह आंधी में चिमनी का गिरना बताया जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इतनी भीषण आग किस तरह के कैमिकल के जलने से फैली थी। इसको लेकर अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। एसएसपी डा. ब्रजेश सिंह ने मेंथा प्लांट में लगी भीषण की जांच के लिए सीएफओ को नामित किया है। जांच रिपोर्ट के बाद ही हकीकत सामने आ सकेगी।

     पानी के फोम के मिश्रण से भीषण आग पर आक्सीजन कटआफ हो जाती है। इससे आग और ज्यादा नहीं फैलती है। मेंथा प्लांट में लगी भीषण आग में फोम का इस्तेमाल काफी कारगार साबित हुआ था।

    - शैलेंद्र सिंह, एफएसएसओ