मानदेय कटौती को लेकर रोडवेज चालक-परिचालकों ने किया हंगामा, बस अड्डे पर रुकी रहीं बसें
बदायूं में मानदेय कटौती के विरोध में रोडवेज बस अड्डे पर चालक परिचालकों ने हंगामा किया जिससे बसों का संचालन बाधित हुआ। चालकों ने डीजल के गलत औसत के आधार पर कटौती का आरोप लगाया और पैसे वापस करने की मांग की। यात्रियों के हंगामे के बाद अधिकारियों ने हस्तक्षेप करके मामला शांत कराया और बसों को रवाना किया।

जागरण संवाददाता, बदायूं । मानदेय कटौती को लेकर चालक परिचालकों ने शुक्रवार सुबह रोडवेज बस अड्डे पर जमकर हंगामा किया। उन्होंने मानदेय कटौती का विरोध करते हुए अपना रुपया वापस दिलाने की मांग की। इससे करीब एक घंटा तक बस अड्डे पर हंगामा होता रहा।
इसकी वजह से रोडवेज बसें रवाना नहीं हो सकीं। बाद में परिवहन निगम के अधिकारियों ने उन्हें जैसे तैसे समझाबुझाकर शांत कराया और यहां से बसों को रवाना किया गया।
शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे चालक-परिचालक अपनी-अपनी ड्यूटी पहुंचे और उन्होंने रोडवेज बसों को नहीं निकाला। उन्होंने रोडवेज बस अड्डे पर हंगामा शुरू कर दिया। चालकों ने बताया कि बसों की कंपनियां साढ़े चार किलोमीटर प्रति लीटर डीजल का खर्च बता रही हैं और परिवहन निगम छह किलो मीटर प्रति लीटर के हिसाब से एवरेज मांग रहा है।
एवरेज के अनुसार की गई कटौती
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से चालक-परिचालकों के मानदेय से एवरेज के अनुसार कटौती कर दी गई है। किसी चालक के दो हजार तो किसी चालक के मानदेय से चार हजार रुपये की कटौती की गई है। इस समय दिवाली का त्योहार आ रहा है। उनकी आमदनी बढ़ाने के बजाय उनके मानदेय से कटौती करके उनको नुकसान पहुंचाया गया है।
सभी चालकों ने कटौती का विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया। उन्होंने बसों को रवाना करने से इन्कार कर दिया, जिससे यात्रियों ने भी हंगामा करना शुरू कर दिया। इसकी सूचना पर परिवहन निगम के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने चालक परिचालकों को समझाया। करीब एक घंटा तक बस अड्डे पर हंगामा होता रहा। बमुश्किल से उन्हें समझाया गया। तब कहीं मामला शांत हुआ और उसके बाद बसों को यहां से रवाना किया गया। चालकों ने बताया कि यह उनके साथ अन्याय हो रहा है। वह यह अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे।
चालक और परिचालकों को बसों का संचालन करने के लिए गाइड लाइन जारी है। वह निश्चित जगह पर बस रोकेंगे। वर्दी पहनकर ड्यूटी करेंगे। बसों को ज्यादा तेज नहीं दौड़ाएंगे। इसके बावजूद नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। डीजल का औसत पूरी छानबीन के बाद ही निकाला गया है। तब उनसे रिकवरी हुई है। वह ऐसे धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते। - राजेश पाठक, एआरएम
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