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    मेडिकल कॉलेज की OPD में मरीजों की उमड़ रही भीड़, जिला अस्पताल के वार्ड फुल

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 07:13 PM (IST)

    बदायूं में मौसम बदलने से बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है जिससे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉक्टर साफ-सफाई रखने मच्छरदानी का प्रयोग करने और तुरंत इलाज कराने की सलाह दे रहे हैं। वायरल बीमारियों से बचाव के लिए घरेलू नुस्खे अपनाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

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    ओपीडी में मरीजों की उमड़ रही भीड़। जागरण

    जागरण संवाददाता, बदायूं । बदलते मौसम के कारण लोगों में कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कालेज की ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। प्रतिदिन ओपीडी में लंबी लाइनें लग रही है। मरीजों में खड़े होने की शक्ति नहीं बची तो उनके तीमारदार लाइन में लग रहे हैं। नंबर आने पर वह मरीज को लेकर चिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं। वहीं जिला अस्पताल के लगभग सभी वार्ड बुखार पीड़ित मरीजों से भर्ती हैं।

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    गुरुवार को मलेरिया वार्ड में 9 बुखार से पीड़ित मरीज भर्ती थे। इनमें से 5 मरीजों के प्लेटलेट्स कम थी। हालांकि अब तक उनमें डेंगू की पुष्टि नहीं हुई थी। जबकि अन्य चार को साधारण बुखार था। इसके अलावा तीन बुखार के पीड़ित मरीज मेडिसिन वार्ड में भर्ती थे। जिला अस्पताल में इन दिनों सुबह से मरीजों की भीड़ लगना शुरू हो जाती है। कारण कि लोग बुखार से ग्रसित होकर यहां पहुंच रहे हैं।

    गुरुवार को भी यहां पर्चा काउंटर से लेकर चिकित्सकों के कक्ष के बाहर व दवा काउंटर पर मरीजों की कतार लगी थी। कोई बुखार से तप रहा था तो कोई दर्द से कराह रहा था। किसी को लाइन में लगे 15 मिनट हुए थे तो कोई 25 मिनट से लगा था। मरीजों के बताया यहां पहले पर्चा काउंटर पर लाइन लगानी पड़ी अब चिकित्सक को दिखाने के लिए भी लाइन में खड़े हैं।

    बुखार के 100 से ज्यादा मरीज

    मरीजों को देख रहे फिजीशियन डा. अलंकार सिंह सोलंकी ने दोपहर 12:40 तक 146 मरीजों को देखा था। चिकित्सक ने बताया इनमें से 100 मरीज बुखार से ग्रसित रहे हैं। खून की जांच में तीन मरीजों को मलेरिया की पुष्टि हुई है। जबकि सात मरीज टाइफाइड के मिले हैं। बताया मलेरिया के मरीज से भर्ती होने को कहा, लेकिन वह घर को चले गए। अन्य मरीजों की जांच हुई। उनके प्लेटलेट्स कम आए हैं। साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान फिजीशियन डा. अलंकार सिंह सोलंकी बताया कि बरसात के मौसम में थोड़ी सी लापरवाही बीमार बना देती है।

    इस मौसम में वायरल संक्रमण का सबसे ज्यादा प्रकोप रहता है। इसका कारण मौसम में बदलाव से शरीर के तापमान में बदलाव व रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम हो जाती है। बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। इस मौसम में दूषित पेयजल के नुकसान बहुत गंभीर होते हैं।

    इसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस व रसायन पेट की समस्याएं जैसे दस्त, टायफाइड, हैजा जैसी बीमारियां फैलाते हैं। बच्चों व बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है। वायरल बुखार या किसी भी बीमारी के लक्षण देखते ही डाक्टर से संपर्क करें। क्योंकि समय पर इलाज मिलने से जटिलताओं से बचा जा सकता है।  

    मलेरिया से बचाव

    - मच्छरदानी का प्रयोग करें।

    - पूरी बांह के कपड़े पहनकर सोएं।

    - घरों के आस- पास पानी न भरने दें।

    -कूलर की समय- समय पर सफाई करें।

    -टाइफाइड से बचाव - साफ पानी व भोजन का सेवन करें।

    - सड़क किनारे कटे बिक रहे फलों को खाने से बचें।

    - फल व सब्जियों को अच्छी तरह साफ कर खाएं। वायरल जनित बीमारियों के प्रमुख लक्षण 

    - बुखार और ठंड लगना।  - खांसी-गले में खराश। 

    - शरीर में दर्द और कमजोरी।  -

    नाक बहना या बंद होना।  - सांस लेने में तकलीफ। 

    -दस्त या उल्टी (अगर पाचन तंत्र प्रभावित हो)।  ऐसे करें बीमारियों से बचाव l

    - पानी का खूब सेवन करें। - साफ-सफाई रखें, गीले कपड़ों से बचाव करें।

    - शरीर को ठंड और नमी से बचाएं।

    - विटामिन सी युक्त फल जैसे संतरा, नींबू खाएं।

    - ठंडा पानी व अन्य शीतल पेयों से परहेज करें।

    - एसी अब बंद करें, कूलर भी बिना पानी चलाएं।

    -बीमार होने पर आराम करें व दवा जरूर ले।

    - फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने के लिए सफाई रखें। ये नुस्खे भी आजमाएं

    - प्रतिदिन हल्दी वाला दूध पीना।

    - तुलसी-जीरा की चाय लेना।

    - गुड़ और बादाम का सेवन।

    - नियमित योग, व्यायाम व प्राणायाम।

    - तनाव कम करने की कोशिश।