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    बदायूं में अपहरण के बाद किशोरी से दुष्कर्म करने के दोषी को 10 साल की सजा, 22 हजार रुपये लगाया जुर्माना

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 06:08 PM (IST)

    बदायूं जिले की एक अदालत ने 2022 में एक 16 वर्षीय किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में जितेंद्र नामक एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) शक्ति सिंह ने दोषी पर 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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    जागरण संवाददाता, बदायूं। किशोरी को बहला फुसलाकर अपहरण कर ले जाने और इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपित को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट-2 के न्यायाधीश ने दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी पर 22 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है। जिसकी धनराशि पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश दिया है।

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    अभियोजन पक्ष के अनुसार, कुंवरगांव थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उनकी बेटी आठ मार्च 2024 को दोपहर करीब 12 बजे घर से लापता हो गई थी। स्वजन खेत पर गए थे, जब वह लौट कर आए तो घर पर बेटी नहीं मिली। इसके बाद उसकी तलाश शुरू की गई। जिसमें पता चला कि बेटी को साहिल नाम का युवक अपने साथ ले गया। बताया कि साहिल गांव के ही यासीन के घर आता जाता था।

    इस मामले में आदिल, आशिक, असलम और साहिल शामिल हैं। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। साहिल के पहचान होने पर पुलिस ने तलाश शुरू की ओर बेटी को बरामद किया और आरोपित को गिरफ्तार किया। पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि साहिल के बुलाने पर वह उसके पास गई थी। वह उसे बेलापुर ले गया। जहां धमका कर बाइक पर बैठाकर बस स्टैंड ले गया। जहां एक युवक जिसका नाम वह नहीं जानती थी। उसे बाइक देकर वह दोनों बस में बैठ गए।

    इसके बाद दिल्ली पहुंचे जहां साहिल ने उसे एक कमरे में रखा। उसने तीन दिन तक बिना उसकी मर्जी के उसी कमरे में उसके साथ गलत काम किया। पुलिस ने आरोपित दिल्ली के लकी पार्क हटस वाली गली नंबर सौ जहांगीरपुरी नार्थ बेस्ट निवासी साहिल को गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध अपहरण व दुष्कर्म की चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट में आरोपित के विरुद्ध किशोरी का अपहरण और दुष्कर्म करने के आरोप का मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया।

    अभियोजन पक्ष के विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र वर्मा व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद उक्त आरोप में दोषी पाते हुए उसे सजा सुनाई है।