बदायूं डीएम ने जांच कराई तो खुला हैरान करने वाला मामला, आईडी व मोबाइल नंबर हैक करके बनाए गए फर्जी प्रमाण पत्र
बदायूं में फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का एक नया मामला सामने आया है जिसमें ग्राम पंचायत की आईडी और मोबाइल नंबर हैक करके प्रमाण पत्र बनाए गए। मामला शासन स्तर पर पकड़ा गया जिसके बाद डीएम ने जांच कराई। उसावां दातागंज और उझानी विकास खंड की ग्राम पंचायतों में प्रमाण पत्र बनने की पुष्टि हुई। उसावां और उझानी के ग्राम पंचायत सचिवों ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।

जागरण संवाददाता, बदायूं। फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का एक और मामला सामने आया है। इस बार ग्राम पंचायत की आईडी और मोबाइल नंबर हैक कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए। मामला शासन स्तर पर पकड़ा गया तो डीएम से मामले की जानकारी कराई गई।
इस पर जांच हुई तो उसावां, दातागंज और उझानी विकास खंड की ग्राम पंचायतों में प्रमाण पत्र बनाए जाने की पुष्टि हुई। जिस पर उसावां की ग्राम पंचायत हजारा के सचिव द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जबकि उझानी की ग्राम पंचायत फुलासी के सचिव की ओर से तहरीर दी गई है।
उझानी, दातागंज व उसावां के गांवों में फर्जीवाड़ा, सचिवों ने कराई प्राथमिकी
दरअसल प्रदेश के अलग अलग जिलों में ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे थे। शासन स्तर से इस पर निगरानी की जा रही थी। जब बदायूं की कुछ ग्राम पंचायतों में प्रमाण पत्र बनाए जाने की संख्या काफी अधिक दिखाई दी तो इसकी जांच हुई। जिसमें पता चला कि ग्राम पंचायत की आबादी से ज्यादा प्रमाण पत्र जेनरेट हुए हैं। इस पर शासन स्तर से डीएम अवनीश कुमार राय से जवाब मांगा गया।
डीएम ने सीएमओ को पत्र भेजकर मामले की जानकारी ली। इसके बाद सीएमओ ने संबंधित ग्राम पंचायतों को पत्राचार कर जांच शुरू कराई।
उझानी की फुलासी, उसावां की हजारा ग्राम पंचायत की आईडी से फर्जीवाड़ा
जिसमें उसावां की ग्राम पंचायत हजारा, उझानी की ग्राम पंचायत फुलासी और दातागंज तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत सैजनी फर्जीवाड़े की बात सामने आई।
हजारा ग्राम पंचायत में 18 हजार, फुलासी ग्राम पंचायत में 15 हजार और दातागंज की सैजनी में चार हजार जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी बनाए गए हैं। इस पर अब तक हजारा ग्राम पंचायत के सचिव नेम सिंह की ओर से उसावां थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जबकि फुलासी और सैजनी ग्राम पंचायत के सचिव की ओर से मूसाझाग व उझानी थाने में तहरीर दी गई है।
बताया जा रहा है इसके अलावा भी कुछ अन्य ग्राम पंचायतों में करीब छह हजार प्रमाण पत्र फर्जी बनाए गए हैं। इन ग्राम पंचायतों को भी चिन्हित किया जा रहा है।
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