Badaun Murder Update: संपत्ति हथियाने के चक्कर में मारी गई जयंती, विपिन बना मोहरा
बदायूं के वजीरगंज में मां-बेटी की हत्या जमीन विवाद में हुई। जयंती नाम की महिला की जमीन को सस्ते में बिकवाने के लिए कई दलाल लगे थे जिसमें एक भाजपा नेता का नाम भी सामने आ रहा है। जयंती ने पहले भी शिकायत की थी कि उसकी जमीन को धोखे से बेचा जा रहा है और उसे जान का खतरा है पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
जागरण संवाददाता, बदायूं। दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव बीरमपुर में हुई मां-बेटी की हत्या कोई अचानक वाली वारदात नहीं है। पुलिस की छानबीन में जो सच्चाई निकलकर सामने आ रही है, वह काफी चौंकाने वाली है। इस हत्याकांड की मुख्य वजह जयंती की जमीन है। उसकी जमीन बिकवाने को कई दलाल पीछे लगे थे और उन्होंने करोड़ों की संपत्ति का सस्ते में सौदा भी करा दिया था।
इस पर जयंती ने अपनी हत्या की साजिश रचने और सस्ते में जमीन का सौदा कराने का आरोप लगाते हुए शिकायत भी की थी लेकिन उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आखिरकार गुरुवार रात जयंती और उसकी मां की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई।
वजीरगंज में जमीन बिकवाने को पीछे लगे थे कई दलाल
मूलरूप से बीरमपुर निवासी जयंती की शादी वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव रोटा निवासी गजेंद्र के साथ हुई थी। करीब 12 साल पहले उसके पति की मृत्यु हो चुकी है। उसके नाम करीब 12 बीघा जमीन थी। सरकारी अभिलेखों में वह जमीन जयंती के नाम आ गई थी। तब से कई दलाल उसके पीछे लग गए थे। बताया जा रहा है कि एक चर्चित भाजपा नेता और रोटा निवासी भाजपा का बूथ अध्यक्ष संजीव भी पीछे लगा था।
षड़्यंत्र में भाजपा नेता का भी बता रहे हाथ
संजीव ने उससे एक बीघा और दूसरे नामजद आरोपित पिंकू ने छह बीघा जमीन खरीदी थी। उस दौरान जयंती का आरोप कि उसकी यह जमीन करोड़ों रुपये की है लेकिन दलालों ने उसकी जमीन का सस्ते में सौदा करवा दिया। उसने इस संबंध में वजीरगंज पुलिस से शिकायत भी की थी। बताया जा रहा है कि उसके बाद चर्चित नेता मामला रफादफा कराने में लग गया। वह जयंती और जमीन खरीदने वालों को अपने घर ले गया था। वहां कुछ रुपये भी बढ़वा दिए गए थे।
करोड़ों की संपत्ति का लाखों में कराया सौदा, दो बार शिकायत कर चुकी थी जयंती
बताया जा रहा है कि इसमें भाजपा नेता भी दलाली खा रहा था। इसलिए वो भी जयंती के पीछे लगा था। उसने अपने घर पर बैठाकर पूरा समझौता कराया था और जब भुगतान कराया था तब भाजपा नेता ने उसके वीडियो भी बनवाए थे। उन वीडियो में भाजपा नेता भी दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि जयंती ने सात बीघा जमीन और एक मकान बेचा था।
साढ़े 27 लाख रुपये मिल गए थे लेकिन मकान का रुपया नहीं दिया गया
जमीन के साढ़े 27 लाख रुपये मिल गए थे लेकिन मकान का रुपया नहीं दिया गया था। जयंती के भाई अवनीश ने बताया कि उसकी जमीन दलालों के चक्कर में चली गई। इन दलालों ने जयंती को मृतक तक बता दिया था। जयंती को अनुमान था कि वह उसकी हत्या करवा सकते हैं।इसलिए उसने अपनी हत्या की आशंका जताते हुए दातागंज पुलिस को तहरीर भी दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आराेपित उसके पीछे लगे रहे और आखिरकार उसे मरवा दिया। उन्होंने विपिन को मोहरा बनाया।
चिता से निकालकर खा गया था अपनी मां का हाथ
हत्यारोपित विपिन नशेड़ी टाइप है। जब दोहरे हत्याकांड के बाद पुलिस उसके गांव चितरी पहुंची तो वहां लोगों ने बताया कि अभी तीन माह पहले विपिन की मां की मृत्यु हो गई थी। गांव वाले उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए थे। वहां विपिन ने जलती चिता से अपनी मां का हाथ खींच लिया था और उसको खाना शुरू कर दिया था। यह देखकर गांव के लोग तक हैरान रह गए थे।
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