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    बदायूं में पैरों में गोलियां मारकर पकड़े लूट के 3 आरोपित, घर में अकेली महिला देख कोरियर वाले ने बनाई थी कांड की योजना

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    डूडा की सहायक परियोजना अधिकारी प्रीति वर्मा से लूट के तीन आरोपित मंगलवार रात मुठभेड़ में गिरफ्तार हुए। दीपक गौतम और संतोष यादव के पैर में, जबकि ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बदायूं। डूडा की सहायक परियोजना अधिकारी प्रीति वर्मा से लूट के तीन आरोपित मंगलवार रात मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिए गए। आरोपित दीपक गौतम उर्फ मोनू के दाएं और संतोष यादव के बाएं पैर में गोली लगी, जबकि जसविंदर उर्फ काके के दोनों पैरों में गोलियां लगीं। लूट का मुख्य षड्यंत्रकारी कोरियर कर्मचारी शोएब उर्फ डेविड फरार है।

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    उसने जेल में बंद रहने के दौरान गिरोह बनाया। इसके बाद जमानत पर छूटा तो कोरियर कंपनी में नौकरी के बहाने घरों की रेकी करने लगा। प्रीति वर्मा को अकेला रहता देखकर उसने तीनों साथियों के साथ लूट की योजना बना ली। घटना वाले दिन वह घर के अंदर जाने के बजाय बाहर पहरा देता रहा था।

    निलंबित चल रहीं प्रीति वर्मा रिगालिया गार्डन कालोनी में अकेले रहती हैं। 20 दिसंबर की शाम पौने सात बजे मंदिर से लौटकर जैसे ही घर में घुसीं, पीछे से आए बदमाशों ने बंधक बना लिया था। उनसे ढाई लाख रुपये, जेवर व पिस्टल लूटकर बदमाश भाग गए थे। बाद में पुलिस को आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों से सुराग मिले कि चार बदमाश घटना में शामिल थे।

    आरोपितों को पकड़ने के लिए बनाई थीं चार टीमें

    उन तक पहुंचने के लिए एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह ने चार टीमें बनाईं। मंगलवार दोपहर को बदमाशों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया। उन्होंने बताया कि रात को बिल्सी रोड पर जिला जेल के लिए प्रस्तावित भूमि के पास चेकिंग के दौरान कुछ संदिग्ध युवक दिखे। उन्हें रोकना चाहा तो फायरिंग कर भागने लगे।

    आरोपितों ने 10 फायर किए, जिनमें एक गोली सिपाही दीपक कुमार का कंधा रगड़ते हुए निकल गई। एक अन्य गोली सिविल लाइंस इंस्पेक्टर की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी। इस पर पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें तीनों बदमाश घायल होकर गिर गए। आरोपित दीपक गौतम जिला परिषद कालोनी, संतोष यादव मीरा सराय का रहने वाला है। तीसरा आरोपित जसविंदर उर्फ काके मूलरूप से पंजाब के होशियारपुर का रहने वाला है मगर, जेल से छूटने के बाद उसने उझानी में ठिकाना बना लिया।

    तीनों ने स्वीकारा कि चोरी, लूट के मामलों में जेल में बंद रहने के दौरान शोएब से मुलाकात हुई थी। जेल में ही चारों ने गिरोह बनाया। जमानत मिलने के बाद शोएब के बताए अनुसार प्रीति के घर में लूट की। पुलिस अनुसार, तीनों बदमाश महंगे मोबाइल फोन एवं रील बनाने के शौकीन हैं। नशा भी करते हैं। इन खर्चों को पूरा करने के लिए चोरी, लूट करने लगे। अलग थानों में दीपक गौतम के खिलाफ सात मुकदमे, संतोष यादव पर पांच और जसविंदर उर्फ काके पर तीन मुकदमे पहले से दर्ज हैं। इनका पंजाब व अन्य प्रांतों में भी अपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। अब इन सभी पर पुलिस पर जानलेवा हमले का एक और मुकदमा दर्ज होगा।

    पुलिस हिरासत में तीनों आरोपितों का उपचार कराया जा रहा है। चौथे आरोपित की तलाश में टीमें लगी हैं। लूटकांड को पुलिस टीमों ने चुनौती की तरह लिया, जिसका राजफाश 48 घंटे में कर दिया। मुठभेड़ में घायल सिपाही का भी उपचार कराया जा रहा है।
    - डा. बृजेश कुमार सिंह, एसएसपी