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    स्कूल खुलते ही बच्चों के लिए आ गई बुरी खबर, अब हर सुबह कुछ दिन करना होगा यह काम- अभिभावक भी होंगे चिंतित

    UP Government School लगभग चार माह पहले इंग्लिश मीडियम की तर्ज पर यहां एक डिजिटल क्लास शुरु किया गया है। सरकार की ओर से एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई है जिससे बच्चों को पढ़ाई में आसानी हो। जलभराव की समस्या को देखते हुए नगर पंचायत प्रशासन ने 15वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि के अंतर्गत इस विद्यालय में इंटरलाकिंग सड़क का निर्माण कार्य कराया था।

    By Prabha Shankar Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 30 Jun 2024 09:15 PM (IST)
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    गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुल गए हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, बदायूं। जिले के सभी स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे। इसी के साथ बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूल चलो अभियान भी आरंभ हो जाएगा। पठन-पाठन की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गईं हैं। शिक्षकों को पहले ही स्कूल बुला लिया गया था। वहीं इन दिनों चल रहे बरसात के मौसम के कारण कुछ स्कूलों में जलभराव की समस्या बनी हुई है। ऐसे में बच्चों को स्कूल में भरे गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ेगा।

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    जिले के कुछ ऐसे स्कूलों की भी स्थिति खराब है जिन्हें नगर पंचायत, नगर पालिका या ग्राम पंचायत द्वारा गोद लिया गया था। इन स्कूलों में बरसात का पानी भरा हुआ है। कुछ में बच्चों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था भी नहीं है। बरसात का पानी स्कूल में जमा होता है। ऐसे हालात में बच्चे स्कूल में कैसे बैठ सकेंगे। वर्षा से पहले जिला प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना था।

    बारिश से स्कूल बन गया तालाब

    संसू, सैदपुर : रविवार को हुई वर्षा से नगर का संविलियन विद्यालय परिसर तालाब बन गया। जबकि एक जुलाई आज से स्कूल खुलना है। स्कूल परिसर में जलभराव होने की वजह से स्कूल में पड़ने वाले बच्चों को गंदे पानी से होकर क्लास रूम तक पहुंचना होगा। सड़क ऊंची होने की वजह से बरसात का पानी स्कूल में दौड़ पड़ता है।

    जिससे जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है। हाल ही में नगर पंचायत प्रशासन की ओर से स्कूल में सड़क निर्माण कार्य कराया गया है ताकि बच्चों को गंदे पानी में होकर न गुजारना पड़े। उसके बावजूद जलभराव बना हुआ है।

    संविलियन विद्यालय में करीब 222 बच्चे पंजीकृत हैं। यहां प्राइमरी व जूनियर में छह शिक्षक शिक्षिकाएं तैनात हैं।  जिससे बच्चों को गंदे पानी से होकर ना गुजरना पड़े। लेकिन जल निकासी न होने की वजह से बरसात का पानी स्कूल परिसर में ही जमा हो रहा है। जिससे जलभराव की समस्या अभी भी बनी हुई है।

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