Badaun News: 200 करोड़ की ठगी में तीन एजेंट पुलिस ने किए गिरफ्तार, फर्जी खाते खुलवाकर देते थे जाली पासबुक
बदायूं पुलिस ने 200 करोड़ की ठगी के मामले में तीन एजेंटों को गिरफ्तार किया है। ये एजेंट फर्जी खाते खुलवाकर जाली पासबुक जारी करते थे। अमर ज्योति निधि ल ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बदायूं। 200 करोड़ की ठगी के मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने तीन एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया। रात भर उनसे पूछताछ की गई और शनिवार दोपहर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक वह लोगों के फर्जी खाते खुलवाकर जाली पासबुक जारी करते थे और फिर उनके ठगी करते थे। इससे गिरफ्तार आरोपितों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। अन्य आरोपितों को तलाश किया जा रहा है।
बरेली के सिंधु नगर निवासी शशिकांत मौर्य, सूर्यकांत मौर्य और उसके भाई श्रीकांत मौर्य ने बदायूं में अमर ज्योति यूनिवर्स निधि लिमिटेड कंपनी खोली थी और हजारों लोगों को साढ़े पांच साल में रुपये दोगुणा करने का लालच देकर ठगी का शिकार बनाया था। उनसे करीब 200 करोड़ से ज्यादा की धनराशि ठगी गई थी और 25 मई को बदायूं का कार्यालय बंद करके भाग गए।
तब से बदायूं के निवेशक काफी परेशान है और लगातार उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्य आरोपित शशिकांत, सूर्यकांत व श्रीकांत और 11 नामजद समेत कई अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। अब तक इसमें चार एजेंट गिरफ्तार करके जेल भेजे जा चुके हैं।
पुलिस ने तीन को किया गिरफ्तार
शुक्रवार रात पुलिस ने शहर के मुहल्ला नाहर खां सराय निवासी शोभित कुमार वर्मा, शहर की आवास विकास कालोनी निवासी अमित साहू और उझानी के मुहल्ला नझियाई निवासी नवीन शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। देर रात तक उनसे पूछताछ होती रही। इस दौरान पता चला की शशिकांत, सूर्यकांत और उसका भाई श्रीकांत एजेंटों के माध्यम से लोगों के फर्जी खाते खुलवाता था और उनकी जाली पासबुक जारी करवाकर निवेश करवाता था। इस तरह उन्होंने करोड़ों रुपये ठग लिए थे और फिर मौका देखकर बदायूं-बरेली से फरार हो गए। पुलिस ने शनिवार दोपहर तीनों एजेंटों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
हाईकोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद कम
अमर ज्योति चिटफंड कंपनी के मालिक शशिकांत मौर्य और सूर्यकांत मौर्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कराई है। उसकी 17 जून को सुनवाई है। वह पहले दर्ज हुई प्राथमिकी को निरस्त कराने और गिरफ्तारी पर रोक लगवाने के प्रयास में है लेकिन इससे पहले ही उनके गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं और तीसरे भाई श्रीकांत का वारंट लेने का प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस का दावा है कि गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद आरोपितों को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलेगी। उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगना मुश्किल है। इसकी वजह यह है कि उनके पहले ही वारंट जारी हो चुके हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक या तो उनकी गिरफ्तारी होगी या फिर उन्हें कोर्ट में सरेंडर होना पड़ेगा। वह कोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर रोक न लगवा लें। इसलिए पुलिस ने पहले ही वारंट जारी करा लिए हैं।
इस मामले में आरोपितों के हार्टकोर्ट भागने से कोई राहत नहीं मिलेगी। उनका गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है। उनकी गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगेगी। या तो उनकी गिरफ्तारी होगी या फिर उन्हें कोर्ट में सरेंडर होना पड़ेगा।- रजनीश कुमार उपाध्याय, सीओ सिटी

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