Updated: Thu, 18 Sep 2025 11:24 PM (IST)
बदायूं में दलित किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी सोनू यादव को विशेष अदालत ने 20 साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। एससी एसटी एक्ट के तहत उसे आजीवन कारावास भी दिया गया है। सोनू ने किशोरी को बहला-फुसलाकर अगवा किया और दुष्कर्म किया था। अदालत ने जुर्माने की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। सोनू पिछले सात साल से जेल में है।
जागरण संवाददाता, बदायूं । दलित किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दिनेश तिवारी ने बीस साल की सजा व 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। इसी मामले में एससी एसटी एक्ट भी होने के चलते दोषी को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
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जुर्माने की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश दिया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 31 अगस्त 2017 में पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उनकी 12 वर्षीय बेटी को गांव का सोनू यादव ने 26 अगस्त को फोन कर कचहरी की तरफ बुलाया और बहला फुसलाकर ले गया। पुलिस ने प्राथमिकी पंजीकृत कर आरोपित व किशोरी की तलाश की।
मंदिर में हुई थी मुलाकात
किशोरी को बरामद कर उसके बयान कराए तो उसने बताया कि सोनू से उसकी मुलाकात एक मंदिर में हुई थी। उसके माता पिता उस समय मंदिर के अंदर थे। तभी सोनू ने उसका मोबाइल नंबर ले लिया था। इसके बाद वह 26 अगस्त को उसने उसे कचहरी के पास बुलाया और अपने साथ ले गया। बहजोई ले जाकर उसने अपने रिश्तेदार के यहां जबरदस्ती मांग में सिंदूर भर दिया और जबरदस्ती दुष्कर्म किया। पुलिस ने दुष्कर्म व एससी एसटी एक्ट की धारा बढ़ाते हुए सोनू को गिरफ्तार किया व उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
इसके बाद से सोनू पर अपहरण, दुष्कर्म करने व एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। विशेष लोक अभियोजक अमोल जौहरी व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद आरोपित सोनू को दोषी पाते हुए 20 साल की सजा सुनाई व पचास हजार रुपये का जुर्माना डाला।
वहीं एससी एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बताते हैं कि सोनू सात साल से जेल में बंद है। उसे अब तक जमानत नहीं मिली थी।
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