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    मटका विधि से करें बीजोपचार

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    Updated: Fri, 07 Dec 2012 05:38 PM (IST)

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    बदायूं : गेहूं की फसल की अगर अच्छी उपज लेना है तो बीज शोधन करके ही बुवाई करें। इसके लिए मटका विधि सबसे सरल है। इसे हरेक किसान आसानी से कर सकते हैं।

    गेहूं की फसल में दुर्गधयुक्त कंडुआ, करनालबट लगता है। इन रोगों का कारण बीज या भूमि होते हैं। बीज शोधन के लिए मटका विधि आसान हैं। इसमें करना यह है कि मटका में 10 किलो गेहूं के साथ 30 ग्राम थीरम डालकर हल्का सा पानी का छींटा लगाएं और मटके को भली भांति हिलाकर गेहूं बीज निकालकर छांव में तीन चार घंटे सुखाने के बाद बुवाई कर दें। इसके अलावा 1 किलो गेहूं में 1 ग्राम बावस्टीन और 2 ग्राम थीरम से भी शोधित कर सकते हैं।

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    जैविक विधि में ट्राइकोडर्मा को किसी चिपकने वाली वस्तु में मिलाकर बीजों पर छिड़क दें फिर इसे सुखा लें, बस बीज बुवाई के लिए तैयार है। डीडीए अनिल कुमार तिवारी ने बताया है कि बीजों का उपचार करने से बीज की सतह पर चिपका रसायन उसके इर्दगिर्द मिट्टी में मौजूद फफूंदी को नष्ट कर देता है। इससे बीज से फैलने वाली बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को विभागीय अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।

    रोगों से होती है फसलों को क्षति

    बदायूं : हर वर्ष फसलों को कीटों, रोगों खरपतवारों से काफी हानि होती है। इस क्षति में 20 प्रतिशत कीटों, 26 प्रतिशत रोग, 33 प्रतिशत खरपतवार, 7 प्रतिशत भंडारण के अलावा 6 प्रतिशत चूहों और 8 प्रतिशत अन्य कारणों से नष्ट हो जाती है। कभी कभी रोगों से तो खेत के खेत नष्ट हो जाते हैं।

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