नीम के देसी इलाज पर वैज्ञानिक मुहर
बदायूं : औषधीय गुणों के कारण नीम को देसी इलाज में विशेष स्थान प्राप्त है। शहर के एक होनहार ने शोध के ...और पढ़ें

बदायूं : औषधीय गुणों के कारण नीम को देसी इलाज में विशेष स्थान प्राप्त है। शहर के एक होनहार ने शोध के जरिये नीम की मान्यता पर वैज्ञानिक मुहर लगाई है। छात्र अभिषेक उपाध्याय ने शोध में साबित किया है कि नीम की पत्तियों में एंटी बैक्टीरिया प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यही वजह है कि पत्तियों की गोली या पीसकर पीने से फोड़ा-फुंसी और दानों में यह कारगार साबित होता है। यह शोध पत्र 'इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट' में प्रकाशित हुआ है। महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस में भी इसे प्रस्तुत किया गया है। शहर की मोहन लाल कॉलोनी निवासी अभिषेक उपाध्याय आगरा के राजा बलवंत ¨सह इंजीनिय¨रग कॉलेज से एम-टेक कर रहे हैं। उन्होंने नीम, संतरा और धतूरा पर शोध किया है। नीम की पत्ती में पाया गया कि इसमें बैक्टीरिया रोधी पर्याप्त मात्रा में होता है। यही वजह है कि इससे फोड़ा, फुंसी ठीक हो जाते हैं। अभिषेक ने कहा कि अभी तक नीम, धतूरा और संतरा सिर्फ देसी इलाज के तौर पर ही उपयोग में लाए जाते थे। अब विज्ञान से यह प्रमाणित हो चुका है कि ये औषधि उपचार में उपयुक्त है। तीनों औषधियों पर किया गया उनका शोध पत्र विगत दिनों एक अंतर्राष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित हुआ। तब कॉलेज प्रशासन की ओर से इस उपलब्धि पर अभिषेक को बधाई दी गई है। अभिषेक का एमटेक फिलहाल पूरा हो गया है। अब वह पीएचडी की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही शोध भी कर रहे हैं। उन्होंने कानपुर के डीएवी कॉलेज से भी पढ़ाई की है।

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