ऐसे तो नहीं रुकेगा कच्ची का कारोबार
--- जागरण विशेष -- मुकदमा में खेल - आरोपियों पर सामान्य धारा होती है कार्रवाई, इसलिए नहीं जाते ह
--- जागरण विशेष --
मुकदमा में खेल
- आरोपियों पर सामान्य धारा होती है कार्रवाई, इसलिए नहीं जाते हैं जेल
- भट्ठी की धाराओं में मुकदमा दर्ज हो तो कारोबारियों पर लगे अंकुश
- तीन महीने में शराब बनाने के आरोप में एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ
दातागंज (बदायूं) : यह बात कम लोग ही जानते होंगे कि कच्ची शराब बेचते समय पकड़े गए तो धारा 60 के तहत थाने से ही जमानत हो जाएगी। वहीं कच्ची शराब बनाते समय पकड़े गए तो धारा 60/62 के तहत सीधे जेल जाएंगे। लेकिन आरोपी कच्ची बेच रहा है या फिर बना रहा है, इसे तय करता है आबकारी विभाग। बस, यही पर खेल हो जाता है। कच्ची बनाने वाले रिकार्ड में बेचने वाले बन जाते हैं और हाथोंहाथ जमानत मिल जाती है।
पिछले दिनों उन्नाव और लखनऊ में कच्ची शराब पीने से कई लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद प्रदेश भर में कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चला। बदायूं में भी कई भट्ठियां पकड़ी गई। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि कच्ची बनाने के आरोप में एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। आबकारी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन महीने में कच्ची शराब बेचने के मामले में 450 मुकदमें दर्ज हुए। इन सभी की थाने से ही जमानत मिल गई। इस दौरान कई गांवों में शराब भट्ठी पकड़ी गई। लेकिन आबकारी विभाग ने एक भी आरोपी पर धारा 60/62 में कार्रवाई नहीं की। वहीं दूसरे प्रांतों से शराब की तस्करी करने पर धारा 272, 273, 420, 468 के तहत मुकदमा दर्ज होता है। इस मामले में पिछले तीन महीने 12 मुकदमे दर्ज हुए हैं।
कैसे होता है खेल
पुलिस कच्ची शराब का काम करने वालों को पकड़ तो लेती है लेकिन उनके उपकरण पीपा, ड्रम, बाल्टी आदि सामान को मौके पर तोड़ देती हैं। फिर आरोपियों के खिलाफ कच्ची बनाने की धारा 60/62 के बजाय कच्ची बेचने की धारा 60 में मुकदमा दर्ज किया जाता है। यह सब आबाकारी अधिकारी कच्ची कारोबारियों की मिलीभगत से होता है। धारा 60 में थाने से ही जमानत हो जाती है। इसलिए छूटते ही आरोपी फिर से कच्ची का धंधा शुरू कर देते हैं। वहीं धारा 60/62 गैर जमानती मुकदमा है। इसमें जल्दी जमानत जल्दी नहीं होती है और 10 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है।
मुकदमे की धारा में हेरफेर
सप्ताह भर पहले पुलिस ने धरेली गांव के दो लोगों को भट्ठी समेत शराब तोड़ते हुए पकड़ा। पुलिस ने इन पर भट्ठी की जगह धारा 60 में मुकदमा दर्ज किया और थाने से ही जमानत दे दी।
कहां बन रही कच्ची शराब
मूसाझाग के गांव बरसुनिया, मररई, जगुआसेई, फरीदापुर, कण्डेला, ललभुजिया, मालीनगला, सैंजनी, किशनी महेरा, मुड़िया खेड़ा, भगवतीपुर, घिलौर, कादराबाद, बबयाने, मौसमपुर, गौंटिया, हजरतपुर थाना क्षेत्र के बक्सेना, चंगासी, चपरा, बकतपुर, जिंदी, पिपला, नगरिया, कलक्टर नगला, कैमी आदि दातागंज पापड़, गढ़ा, कौली, सुखौरा, नूरपुर, धरेली, कनकपुर, कलौरा आदि गांवों में कच्ची शराब धड़ल्ले से बन रही है। इन गावों में कच्ची शराब का कारोबार करने वालों को पुलिस ने पकड़ा भी लेकिन किसी पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई।
कारोबारियों के बचाव में जिला आबकारी अधिकारी
जिला आबकारी अधिकारी मुन्ना लाल द्विवेदी ने बताया कि धारा 60/62 के तहत कार्रवाई तब होती है जब कच्ची शराब बनाने की कंपनी पकड़ी जाती है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि गांव-गांव शराब की जो भट्ठियां चल रही हैं क्या वह इसके अंतर्गत नहीं आती है। जबकि इस बात से वह भी परिचित हैं कच्ची का कारोबार कुटीर उद्योग जैसा फैला हुआ है। अगर इन पर धारा 60/62 के तहत कार्रवाई नहीं हुई तो कच्ची का कारोबार बंद नहीं हो सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।