गोदाम फुल, चीनी रखने की समस्या
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जासं, अमिलो (आजमगढ़) : लगभग बंद हो चुके सठियांव चीनी मिल को सपा सरकार में नए सिरे से बनवाकर गन्ना किसानों को भले ही संजीवनी दे दी गई लेकिन जो स्थिति दिख रही है उसमें नहीं लगता कि चीनी मिल मुनाफे में रहेगा। व्यवस्था में खामियों का खामियाजा मिल को भुगतना पड़ रहा है। उत्पादन को रखने के लिए पर्याप्त स्थान न होने का नतीजा यह हो रहा है कि मिल में लगभग चार लाख क्विटल चीनी डंप पड़ी हुई है।
बाजार में माल की खपत न होने के कारण स्टाक के रखरखाव में काफी असुविधा हो रही है। एक स्टोर रूम का निर्माण तो चल रहा है लेकिन उसके पूरा होने में अभी समय लगेगा। जो स्थिति है उसमें प्रबंधनतंत्र चीनी को खुले में रखने को विवश है।
मिल में चीनी उत्पादन निरंतर हो रहा है। पिछले वर्ष का लगभग एक लाख 74 हजार क्विटल स्टाक पड़ा हुआ है। इस वर्ष भी लगभग दो लाख क्विटल चीनी का उत्पादन हुआ है। इस प्रकार लगभग चार लाख क्विटल चीनी का स्टाक डंप है। मिल के अलावा 50 हजार क्विटल चीनी खुझिया व फखरुद्दीनपुर के एक प्राइवेट गोदाम में रखा गया है। इसके अलावा मऊ के काटन मिल में भी चीनी को स्टोर किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि चीनी के मूल्य का निर्धारण चीनी मिल संघ करता है तथा उठान भारत सरकार के आदेश पर होता है। इस जटिल प्रक्रिया के कारण चीनी का उठान नहीं हो पा राहा है।
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वर्जन---
-चीनी के उठान के बाद ही समस्या का कुछ हद तक निराकरण हो सकेगा। चीनी को स्टोर करने के लिए मऊ में गोदाम की व्यवस्था की जा रही है। -प्रताप नारायण, जीएम।

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