यूपी में इन मरीजों को अस्पताल तक आने-जाने का किराया देगी सरकार, समय पर हो सकेगा इलाज
उत्तर प्रदेश सरकार आजमगढ़ में टीबी, कैंसर और डायलिसिस के मरीजों को अस्पताल आने-जाने का किराया देगी। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को समय पर इलाज मुहैया कराना है, जिससे उनकी सेहत में सुधार हो सके और उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।

मरीजों को अस्पताल तक आने-जाने का किराया देगी सरकार।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। टीबी उन्मूलन में जुटी सरकार अब एमडीआर टीबी (मल्टी-ड्रग-रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस) के मरीजों को को घर से अस्पताल तक आने और जाने का किराया देगी। शासन से आए निर्देश पत्र के बाद टीबी के मरीजों को दूरी के हिसाब से 300 रुपये से 600 रुपये तक मिलेंगे। जिला अस्पताल के टीबी क्लीनिक में 298 एमडीआर टीबी के मरीजों का उपचार हो रहा है।
टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को गति देने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मरीजों को अब अस्पताल तक आने-जाने के लिए किराया उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है। इस सुविधा का उद्देश्य ऐसे मरीजों को राहत देना है जो आर्थिक तंगी के कारण समय पर जांच या उपचार कराने में असमर्थ रहते हैं।
नई व्यवस्था के तहत टीबी संदिग्ध या पंजीकृत मरीजों को अस्पताल या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तक आने-जाने का किराया प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि कई क्षेत्रों में परिवहन की कमी या उसके उच्च खर्च के कारण मरीज फॉलोअप से चूक जाते थे, जिससे उपचार अधूरा रह जाता था।
जिले के सरकारी अस्पतालों में 65 सौ मरीजों और निजी अस्पतालाें में 2650 मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। इसके साथ ही टीबी के मरीजों को प्रोत्साहन राशि के रूप में भी एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
किराये की यह सहायता मरीजों को हर विज़िट पर मिलेगी। इससे नियमित जांच, दवा वितरण और काउंसलिंग को बढ़ावा मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग उम्मीद कर रहा है कि इस कदम से टीबी का उपचार छोड़ने वालों की संख्या में कमी आएगी और केस डिटेक्शन रेट भी बेहतर होगा। हालाकि अभी इसके लिए शासन से कोई बजट नहीं आया है। -डॉ. वाई प्रसाद, जिला क्षयरोग अधिकारी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।