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    संस्कृति की मजबूती को संस्कृत की ओर होना पड़ेगा उन्मुख

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 10 Nov 2018 11:53 PM (IST)

    आजमगढ़: संस्कृत भारती गोरक्ष प्रांत के तत्वावधान में शनिवार को नगर पालिका स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में शनिवार को प्रांतीय समीक्षा बैठक हुई।शुभारंभ मां सरस्वती व भारत माता के चित्र पर पूजन-अर्चन से हुआ।

    संस्कृति की मजबूती को संस्कृत की ओर होना पड़ेगा उन्मुख

    आजमगढ़ : संस्कृत भारती गोरक्ष प्रांत के तत्वावधान में शनिवार को नगर पालिका स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में शनिवार को प्रांतीय समीक्षा बैठक हुई। शुभारंभ मां सरस्वती व भारत माता के चित्र पर पूजन-अर्चन से हुआ।

    मुख्य अतिथि गोरक्ष प्रांत के प्रांत मंत्री डा. जोखन पांडेय 'शास्त्री' ने कहा कि संस्कृति को प्रबल एवं अक्षुण्ण करने के लिए हमें संस्कृत की ओर उन्मुख होना पड़ेगा। विशिष्ट अतिथि डा. वंदना द्विवेदी ने कहा कि संस्कृति की अखंडता एवं प्रबलता से हमारा देश मजबूत होता है, इसलिए संस्कृति की रक्षा एकमात्र संस्कृत से ही संभव है। कहा कि वर्तमान में शासकीय प्रोत्साहन से संस्कृत सर्वत्र प्रसारित हो रही है। शासकीय सहयोग से कोई भी योजना वस्तु मजबूत होती है। अध्यक्षीय संबोधन में पूर्व प्राचार्य अमरनाथ पांडेय ने सभी को प्रोत्साहित करते हुए संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। आगतजनों का स्वागत विभाग संयोजक डा. सहजानंद पांडेय एवं संचालन बलिया के सह जिला संयोजक रंजीत तिवारी ने किया। इस अवसर पर गोरक्ष प्रांत के कोष प्रमुख गोवर्धन ¨सह, गोरक्ष प्रांत के सहमंत्री नागेश दुबे, महानगर संयोजक शिवशरण चतुर्वेदी, विजय कुमार पांडेय, विजय नारायण ¨सह, धनंजय पांडेय, हिमालय त्रिपाठी, जनमेजय पाठक, अखिलेश त्रिपाठी, राजमणि मिश्र, सचिन राय, पीयूष पाठक आदि थे।

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